शफीक अहमद की असलियत पता चलने पर पीड़िता शफीक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए घर से निकली। लेकिन, रास्ते में शफीक ने अपने भाई और पिता के साथ मिलकर उसका अपहरण कर लिया। करीब 5 दिनों तक किडनैपरों के चंगुल में रहने के बाद वो किसी तरह बच कर भागने में सफल हुई।
बीते दिनों चंद्रपुर के राजुरा तहसील में 'इनफैंट जीसस एजुकेशन सोसाइटी' द्वारा संचालित छात्रावास में रहने वाली नाबालिग आदिवासी छात्राओं के साथ दुष्कर्म के मामले सामने आए थे। इन मामलों में FIR दर्ज करने में देरी हुई थी।
6 अप्रैल को हॉस्टल की 13 लड़कियाँ बेहोशी की हालत में थीं। लड़कियों को ORS के घोल में सेडेटिव ड्रग्स मिलाकर दिए जाते थे। उस हॉस्टल में 300 छात्र-छात्राएँ हैं जिसमें से 130 कक्षा पहली से दसवीं तक की लड़कियाँ हैं। हॉस्टल सुपरिटेंडेंट को गिरफ़्तार कर लिया गया है।
मृतक लड़की की बहन ने बताया कि उसके पिता वलायत कुरैशी पिछले कई सालों से उसके साथ बलात्कार कर रहे थे पर पिता द्वारा जान से मारे जाने की धमकी के डर से वह किसी को अपनी आपबीती नहीं बता पा रही थी। पुलिस ने बताया कि पीड़ित लड़की ने जहर खाकर आत्महत्या की। लड़की को अस्पताल में भरती कराया गया, लेकिन बचाया नहीं जा सका।
पीड़िता के पति ने पुलिस को अपनी शिक़ायत में बताया कि नर्सिंग होम में उसकी पत्नी को एडमिट करने के बाद पहले नर्स ने उसे एक नशे का इंजेक्शन लगाया और बाद में 3 लोगों ने उसके साथ गैंग रेप किया।