समुदाय विशेष वाले तब तक ‘बेचैन’ रहेंगे जब तक धर्म और संस्कृति, हिन्दू पंथ और सम्प्रदाय की हर अभिव्यक्ति बंद नहीं हो जाती। केवल सरकारी ही नहीं, निजी भी। यही हिन्दूफोबिया है। The Print वालों ने इस लेख से प्रोपेगेंडा को नई ऊंचाई दी है।
साध्वी प्रज्ञा को जख्मी फेफड़ों के साथ अस्पताल में 3-4 फ्लोर तक चढ़ाया जाता था। ऑक्सीजन सप्लाई बंद कर दी जाती थी और उन्हें तड़पने के लिए छोड़ दिया जाता था। लगातार 14 दिन की प्रताड़नाओं के बीच साध्वी प्रज्ञा की रीढ़ की हड्डी भी टूट गई थी, इसी बीच उन पर एक और केस फाइल कर दिया गया।
हर आतंकी और उसका संगठन एक ही नारा लेकर निकलता है, काले झंडे पर सफ़ेद रंग से लिखा वाक्य क्या है, सबको पता है। बोल नहीं सकते, वरना 'बिगट' और 'कम्यूनल' होने का ठप्पा तुरंत लग जाएगा। हमने पीढ़ियाँ निकाल दीं कहते हुए कि आतंक का कोई मज़हब नहीं होता।
कांजी ने अरब आक्रमणकारी मोहम्मद बिन कासिम द्वारा भारत पर इस्लामी हमले का बचाव करता दिखा। वही कासिम, जिसने हिंदू महिलाओं का बलात्कार किया और हज़ारों लोगों को अरब में दास के रूप में बेच दिया। हिन्दू त्रिदेवों को भी बलात्कारी बताया।
ऐसे बहुत से विदेशी नागरिक हैं जो भारतीय परंपराओं को सर्वोपरि मानते हैं और उसे आत्मसात करने का पूरा प्रयास करते हैं। हमारे देश की सभ्यता का गुणगान जब दूसरे देश के लोग करते हैं तो शायद ही ऐसा कोई भारतीय होगा जिसका सिर गर्व से ऊँचा नहीं उठेगा।
धर्मांतरण के ज़रिए ईसाई बनने वाली किमी मुंडा ने बताया कि जिस सुकरो मुंडा को हिरासत में लिया गया है वो उसकी मौसी हैं, जो पहले सरना धर्म से थी, बाद में उसने ईसाई धर्म अपना लिया था।
होली और दीवाली में खोट खोज लेने वाले गैंग को अब आयुध पूजा से भी दिक्कत हो गई है। 28 वर्षीय तेजस्वी को सिर्फ़ इसीलिए बदनाम किया जा रहा है क्योंकि वो हिन्दू रीति-रिवाजों में विश्वास रखता है। आयुध पूजा दक्षिण भारतीय हिन्दू संस्कृति का एक प्रमुख हिस्सा है।
हिन्दू रिलीजियस एण्ड चैरिटेबल एण्डॉमेंट डिपार्टमेंट (HR&CE department) के नाम में भले ही हिन्दू हो, पर क्षेत्रीय नेताओं से लेकर राज्य के उच्च न्यायलय तक ने हिन्दुओं के मंदिरों और परम्पराओं को नुकसान पहुँचाने संबंधी टिप्पणी इस विभाग पर कर चुके हैं।