कहा जाता है कि जब औरंगजेब की फ़ौज ने काशी के केदार मंदिर में नंदी की प्रतिमा को तोड़ा तो उसके गर्दन से खून टपकने लगा। मुग़ल वहाँ से डर के मारे भाग खड़े हुए।
अकबर के काल में राल्फ फीच नामक एक अंग्रेज यात्री ने अपने संस्मरण एक पवित्र 'वापी' (कुएँ) का उल्लेख किया है। अकबर ने काशी विश्वनाथ मंदिर बनवाया - ये झूठ है।