Saturday, May 4, 2024

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पद्म श्री

कोई ढोती थीं मैला तो कोई थीं सफाई कर्मचारी: पद्म पुरस्कार विजेता महिलाओं की 7 कहानियाँ

मात्र 10 साल की उम्र में शादी होने के बाद जब वो अपने ससुराल पहुँचीं तो उन्हें सिर पर मैला ढोने के काम में लगा दिया गया। इस काम से बचने का कोई रास्ता भी नहीं था। तभी उनकी मुलाकात सुलभ इंटरनेशनल के डॉ बिन्देश्वर पाठक से हुई। और उन्होंने लिख दी सफलता की कहानी... स्वर्णिम कहानी!

ममता के बंगाल में मेरी किसी भी दिन की जा सकती है हत्या: पद्म पुरस्कार विजेता काजी मासूम अख्तर

हाल ही में भारत सरकार द्वारा पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित काजी मासूम अख्तर ने कहा कि मुझे अपने जीवन जीने से डर है और बंगाल में मेरी कभी भी हत्या की जा सकती है। उन्होंने सीएए के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन पर कहा कि इससे मुस्लिमों को डरने की कोई जरूरत नहीं है।

जॉर्ज, जेटली और सुषमा सहित 7 को पद्म विभूषण: 16 को पद्म भूषण, लंगर बाबा समेत 118 को पद्म श्री

उद्योगपति आनंद महिंद्रा और बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू सहित 16 को पद्म भूषण सम्मान के लिए चुना गया है। पद्म श्री पुरस्कारों में कई आम लोगों के नाम भी शामिल हैं।

Padm Shri से सम्मानित गोसेवा करने वाली जर्मन महिला को सुषमा दिलाएँगी वीसा

फ्रेडरिक भारत में ही रहना चाहती है और गौसेवा करना चाहती है। इसलिए उन्होंने वीजा बढ़ाने का आवेदन किया था, लेकिन विदेश मंत्रालय के लखनऊ ऑफिस में बिना कोई कारण बताए उनके आवेदन को खारिज कर दिया गया है।

तालाब का गंदा पानी पीने को मजबूर थे लोग, 70 साल के दैत्री नायक ने बदली गाँव की क़िस्मत

दैत्री नायक ने गाँव में होने वाली पानी की समस्या को दूर करने की ठानी और तीन साल की कड़ी मेहनत से गाँव में एक किलोमीटर लंबी नहर खोद डाली।

42 वर्षों से मथुरा में गोसेवा कर रही जर्मन मूल की सुदेवी गोवर्धन को पद्मश्री

उनकी गौशाला में गायों के लिए एक स्पेशल एम्बुलेंस भी है। अगर किसी गाय की मृत्यु निकट आ जाए और उसके बचने की कोई संभावना न रहे, तब सुदेवी उसे गंगाजल का सेवन कराती है।

पौधों को सींचने कमर और सिर पर पानी लेकर 4 किमी तक जाती थीं राष्ट्रपति को ‘आशीर्वाद’ देने वाली ‘वृक्ष माता’

‘वृक्ष माता’ थिमक्का को अभी तक कई सारे अवॉर्ड मिल चुके हैं, लेकिन वहाँ के स्थानीय लोगों का कहना है कि थिमक्का के ऊपर इसका कोई प्रभाव नहीं दिख रहा है। वो आज भी उसी तरह से सादा जीवन जी रही हैं

अस्त होती सभ्यता का सूर्य हैं सरस्वती पुत्र ‘पद्मश्री’ प्रीतम भरतवाण

देवताओं की इस धरती पर यदि सबसे पहले किसी को नमन किया जाना चाहिए तो वह यह ‘दास समुदाय' है जिन्हे स्थानीय भाषा में ‘औजी’ कहा जाता है, जिनके आवाह्न से ही किसी भी शुभ कार्य या समारोह में सर्वप्रथम देवी-देवताओं का स्मरण किया जाता है।

1500+ गाय, 52 नेत्रहीन, 350 अपाहिज: गौसेवा की अनुपम मिसाल के लिए जर्मन महिला को पद्मश्री

बीमार और असहाय गायों की सेवा करने के कारण उन्हें 'गायों की मदर टेरेसा' भी कहा जाता है। उनके गोशाला में 1,500 से भी अधिक गायें हैं। सारे ख़र्च वह खुद उठातीं हैं।

पद्म पुरस्कार: गुमनाम लेकिन महान लोगों के नाम से… अवॉर्ड ख़ुद हुआ सम्मानित!

सरकार ने इन पुरस्कारों के तहत 4 हस्तियों को पद्म विभूषण, 14 को पद्म भूषण जबकि 94 लोगों को पद्मश्री पुरस्कारों के लिए चयनित किया है।

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