प्रशासन भले इसे पटाखे बनाने के दौरान हुआ विस्फोट बता रहा हो, लेकिन मीडिया रिपोर्टों से कई सवाल खड़े हो रहे हैं। नजीर के बच्चों के बयान भी मेल नहीं खा रहे।
पत्रकारिता छोड़कर ऑल्टन्यूज को कोचिंग संस्थान चलाने के धंधे में भी आने के बारे में सोचना चाहिए, क्योंकि सात दिनों के परिश्रम से जब इस तरह के परिणाम मिल सकते हैं तो ये लोग न्यूज एजेंसी की तर्ज पर 'समुदाय विशेष पीड़ित कोचिंग संस्थान' शुरू कर सकते हैं।