कॉन्ग्रेस अध्यक्ष पद से जब भी पर्दा उठेगा तो गाँधी ही निकलेंगे। या तो कुर्सी पर बैठा गाँधी या फिर पर्दे के पीछे से कुर्सी को नचाता गाँधी। 'गैर गॉंधी अध्यक्ष' महज जुमला है।
कॉन्ग्रेस ने हाल ही में फेसबुक और भाजपा के बीच सॉंठगॉंठ के आरोप लगाए थे। पर मनीष तिवारी के एक पत्र से पता चलता है कि अमेरिका में प्रोपेगेंडा फैलाने के लिए कॉन्ग्रेस ने बकायदा लॉबी बना रखी है।
“कोरोना काल में आमजन का सहारा बने PM CARES के संबंध में कुप्रचार कर रहे 'स्वयंभू' बुद्धिजीवियों को आज सुप्रीम कोर्ट ने आईना दिखा दिया। PM CARES जन संपत्ति है। जनहित में ही इसका उपयोग हो रहा है।”
स्थायी अध्यक्ष का न होना अब कॉन्ग्रेस के अस्तित्व पर भारी पड़ सकता है। पार्टी चुनाव आयोग को संतोषजनक जवाब नहीं दे पाई तो निलंबन का सामना करना पड़ सकता है।
हरियाणा सरकार ने गाँधी परिवार के 3 ट्रस्ट की जाँच के आदेश दिए हैं। इसमें राजीव गाँधी फ़ाउंडेशन, राजीव गाँधी चैरिटेबल ट्रस्ट और इंदिरा गाँधी मेमोरियल ट्रस्ट शामिल हैं।