सुषमा स्वराज ने ट्विटर डिप्लोमेसी का दरवाजा खोला। उनके नेतृत्व में विदेश मंत्रालय दुनिया के हर कोने में मुसीबत में फॅंसे अपने नागरिकों तक पहुॅंचा। यही कारण है कि कोरोना वायरस के बाद वुहान से भारत ने अपने छात्रों को निकाला, लेकिन पाकिस्तानी छात्रों को वहॉं की सरकार ने उनके हाल पर छोड़ दिया।
"2013 में जब हम हारे तो कॉन्ग्रेस को दिल्ली में 24.55 फीसदी वोट मिले थे। शीला जी 2015 के चुनाव में शामिल नहीं थीं, जब हमारा वोट प्रतिशत गिरकर 9.7 फीसदी हो गया। 2019 में जब शीला जी ने फिर से कमान संभाली तो कॉन्ग्रेस का वोट प्रतिशत बढ़कर 22.46 फीसदी हो गया।"
पिछले वर्ष केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा था कि देवबंद आतंकवाद का अड्डा बन गया है। इतना ही नहीं हाफिज सईद और बगदादी जैसे आतंकवादी भी देवबंद से शिक्षा लेते हैं। उन्होंने आगे कहा था कि गुरुकुल से आजतक कोई बच्चा आतंकी नहीं निकला, लेकिन देवबंद से निकले हुए लोग देशभक्त का तो पता नहीं, लेकिन आतंकी जरूर बनते हैं।
दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता तेजिंदर सिंह बग्गा को पार्टी ने हरि नगर विधानसभा क्षेत्र से मैदान में उतारा था। उन्होंने अपने क्षेत्र के लिए अलग से मैनिफेस्टो जारी किया था, कई वादे किए थे। हालाँकि, तेजिंदर सिंह बग्गा जीत नहीं पाए। हारने के बावजूद अब वो अपना वादा व्यक्तिगत रूप से निभाएँगे।
"मैं अपनी हार स्वीकार करते हुए, विकासपुरी विधानसभा क्षेत्र के सभी मतदाताओं व कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त करता हूँ और आशा करता हूँ कि क्षेत्र का चौमुखी (चहुमुखी) विकास होगा। मैं भविष्य में भी दिल्ली, विकासपुरी व उत्तम नगर विधानसभा क्षेत्र के चौमुखी विकास के लिए लड़ाई लड़ता रहूँगा।"
AAP अभी तक 51 सीट और बीजेपी 19 सीट पर आगे चल रही है। हालाँकि, चुनाव आयोग के आधिकारिक रुझानों के मुताबिक फिलहाल बीजेपी और आम आदमी पार्टी 10-10 सीट पर आगे चल रही हैं।
भाजपा सांसदों को जारी किए व्हिप में यह कहा गया है कि कुछ अतिमहत्वपूर्ण मुद्दे कल संसद में उठाए जा सकते हैं, अतः सारे सांसदों को मंगलवार, 11 फरवरी, को राज्यसभा में उपस्थित रहना है।
इस दौरान पाकिस्तान को अन्य देशों से समर्थन न मिल पाने का उनका दुःख भी झलका। उन्होंने कहा कि भारत का सभी देश समर्थन इसीलिए करते हैं क्योंकि वो बहुत बड़ा बाजार है और अन्य देशों को अपना बाजार खोने का डर है।
शाहीन बाग सहित पूरी दिल्ली में लोगों ने पहचान पत्र दिखाते हुए अपने मताधिकार का प्रयोग किया। सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में यूजर्स ने चुटकी ली कि जो लोग कागज दिखाने से इनकार करते हैं आज वह पहचान पत्र लेकर लाइन में लगे हैं।
एग्जिट पोल्स के बाद आप ने ईवीएम की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। इस संबंध में केजरीवाल के घर पर एक बैठक हुई। इसमें मनीष सिसोदिया और प्रशांत किशोर भी मौजूद थे।