फराह खान ने बताया कि उन्होंने ये सुनिश्चित किया था कि 'मैं हूँ ना' का मुख्य विलेन मुस्लिम न हो। सहायक विलेन का सरनेम ख़ान होता है, जिसे अंत में पता चलता है कि उसे बहकाया जा रहा था। फिर वो देश के प्रति अपने प्यार को प्रदर्शित करते हुए आतंकवाद को अलविदा कह देता है।
रंगोली चंदेल ने दो हैरान करने वाले खुलासे किए हैं। इनमें से एक कंगना के करियर के शुरुआती दिनों की है। दूसरी तब की है जब उनका अभिनेता ऋतिक रोशन से झगड़ा चल रहा था।
"आलिया भट्ट अपनी अगली फ़िल्म में वेश्याओं की दलाल का रोल प्ले कर रही हैं, जो गंगू बाई के जीवन पर आधारित है। गंगू बड़े गैगस्टर्स को लड़कियाँ सप्लाई करती थी और कहा जाता है कि वो देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की भी दोस्त थी। आलिया को फिर अवॉर्ड मिल जाएगा।"
नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि उनके पास पासपोर्ट, वोटर आईडी और आधार कार्ड जैसे जो कागज़ात हैं, वो उनकी नागरिकता साबित करने के लिए काफ़ी नहीं होंगे। सवाल ये उठता है कि नसीरुद्दीन से नागरिकता साबित करने को कहा किसने है?
“वो हर सुंदर कला को और भी सुंदर बनाती हैं। मर्दों की तरह मेहनत वो रात-दिन करती हैं, मगर फिर भी कुछ ना करने की तोहमत लगाई जाती है। दिल में जो डर का किला है, वो तोड़ दो अंदर से तुम, एक ही झटके में अपने आप ही वो ढह जाएगा। आओ मिलकर हम बढ़ें, अधिकार अपने छीन लें। काफिला अब चल पड़ा है। अब न रोक पाएगा।”
विधु विनोद चोपड़ा ने कश्मीरी पंडितों का दर्द दिखाने के नाम पर 'शिकारा' बनाई। लेकिन, फिल्म में मुस्लिमों के अत्याचार को छिपा लिया और प्रेम-कहानी पर जोर दिया। इसके खिलाफ आवाज उठाने वालों को अब गदहा बता वे झूठे आँकड़े गिना रहे हैं।
53 साल के शहबाज खान पर 19 साल की किशोरी के आरोप लगाने के बाद, अपमान करने के इरादे से महिला पर हमला या आपराधिक बल और महिला के शील भंग करने के लिए अपमानसूचक शब्द या इशारा करने (IPC की धारा 354,और 509) जैसे आपराधिक धाराओं में मामला दर्ज हुआ है।
जिस शांति का किरदार दिखाया गया, वो सरला भट्ट का है। सरला नर्स थीं और फिल्म में शांति को भी नर्स दिखाया गया है। मगर इसमें ये नहीं दिखाया कि कैसे आतंंकवादियों द्वारा सरला का सामूहिक बलात्कार किया गया और फिर बढ़ई की आरी से उसके शरीर को तीन हिस्सों में चीर कर सरे बाजार घुमाया गया।
सोचिए इस पर, वरना प्रेम कहानी के चुम्मे में वन्धामा की 23 लाशों की विद्रूपता छुपा दी जाएगी। शिकारे पर बैठी नायिका की काली जुल्फों में सिगरेट से पूरे शरीर को जलाने के बाद, सर्वानंद कौल और उनके पुत्र की आँखें निकाल लेने की इस्लामी कलाकृति गायब कर दी जाएगी।
चोपड़ा ही बताएँगे कि कश्मीर के गुनाहों और गुनहगारों से ऐसा परदा क्यों किया? न तो कश्मीरी हिन्दुओं की पीड़ा कहीं भी है, न ही नरसंहार का ख़ौफ़नाक मंजर... लगता है ‘कश्मीर की कली’ पार्ट 2 बनाना चाह रहे थे।