पीएम नरेंद्र मोदी ने यह भी कहा कि कॉन्ग्रेस समान नागरिक संहिता और शाहबानो मामले से चूक गई, आज फिर एक अवसर आया है, हम महिला सशक्तीकरण के लिए एक विधेयक लाए हैं, कृपया इसे धर्म से न जोड़ें।
अधीर रंजन चौधरी अपनी बात रखते हुए भाषा पर नियंत्रण नहीं रख पाए। इस दौरान उन्होंने असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया। उन्होंने इंदिरा गाँधी की तुलना माँ से किया तो वहीं पीएम मोदी के लिए गंदी नाली शब्द का इस्तेमाल किया।
अजय कुमार लल्लू को उत्तर प्रदेश (पश्चिमी) के संगठन में बदलाव करने के लिए पार्टी द्वारा अधिकृत किया गया है। लल्लू कुशीनगर के अंतर्गत आने वाले तमकुही राज विधानसभ क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं और लगातार दूसरी बार जीत कर विधायक बने हैं।
स्वतंत्रता पूर्व भारत में एक राजनीतिक गतिरोध को देखते हुए, मुखर्जी ने दक्षिणपंथी राष्ट्रवादी राजनीतिक संगठन भारतीय जनसंघ को संगठित करने के लिए कॉन्ग्रेस पार्टी को छोड़ दिया था। अंततः 1951 में भारतीय जनता पार्टी के गठन का मार्ग प्रशस्त हुआ।
अभिनेता और नेता परेश रावल ने भी इसको लेकर ट्वीट किया है। परेश रावल ने ट्वीट में लिखा है, "हाँ, ये नया इंडिया है राहुल जी, जहाँ कुत्ते भी आपसे ज्यादा होशियार हैं।"
ऐसा पहली बार नहीं है कि जब गठबंधन सरकार में खींचतान की ख़बरें सामने आई हों, इससे पहले भी मुख्यमंत्री कुमारस्वामी कई बार गठबंधन सरकार चलाने का दर्द बयाँ कर चुके हैं। हाल ही में उन्होंने बयान दिया था कि वो रोज जिस ‘दर्द’ से गुज़रते हैं, वो उसे जनता से बयाँ नहीं कर सकते।
इससे पहले कमलनाथ सरकार ने बिजली की कटौती के लिए शिवराज सरकार में खरीदे गए खराब ट्राँसफॉर्मर्स को जिम्मेदार बताया था। अब कमलनाथ सरकार के अधिकारियों ने अपनी नाकामी को छिपाने के लिए बिजली कटौती के लिए पेड़ों में लटकने वाले चमगादड़ोंं को जिम्मेदार बता रहे हैं।
पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने राहुल गाँधी से अध्यक्ष बने रहने का आग्रह किया था लेकिन राहुल ने पद से हटने का निश्चय कर लिया है। उन्होंने अध्यक्ष पद के लिए प्रियंका गाँधी के नाम पर भी विचार करने से मना कर दिया है।
"वन नेशन-वन इलेक्शन' से सत्ताधारी पार्टी को लाभ होने की बात गलत है। ओडिशा, आंध्र प्रदेश और अरुणाचल में लोकसभा के साथ ही विधानसभा चुनाव हुए। इन राज्यों के परिणाम को देखते हुए सत्ताधारी पार्टी को एकतरफा लाभ वाली बात तार्किक नहीं है।"
ये पत्रकारिता के कुछ ऐसे संस्थान हैं, जो भोजन शुरू करने से पहले अन्न का प्रथम अंश जवाहरलाल नेहरू और दूसरा अंश गाँधी परिवार के लिए रख देते हैं। कम ही लोग ये बात जानते हैं कि BBC जैसे मीडिया गिरोह राहुल गाँधी द्वारा हर चुनाव नतीजों के बाद त्याग दिए गए जनेऊ गले में धारण कर के ही कार्यक्षेत्र को रवाना होते हैं।