हाल ही में अपने बयान में श्री वाड्रा ने बिना किसी के कुछ कहे ही अपनी सफाई देते हुए खुद के मामले की तुलना विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे भगौड़े लोगों से कर डाली।
उमा भारती ने कहा कि कॉन्ग्रेस पार्टी को शर्म आनी चाहिए क्योंकि इन्होने 1984 एवं 1991 में लोकसभा चुनाव में इंदिरा गाँधी और राजीव गाँधी की शहादत को राजनीतिक रूप से भुनाने की कोशिश की थी।
उन्होंने कहा कि राहुल जिस तरह की हरकत कर रहे हैं उससे वह अब पप्पू कहलाने के लायक नहीं बचे हैं। उन्होंने कॉन्ग्रेस को गधों की सेना और कॉन्ग्रेस अध्यक्ष को गधों का सरताज कहा।
वायु सेना ने सरकार को 'हाई-रिज़ॉल्यूशन तस्वीरों' और 'सिंथेटिक एपर्चर रडार' इमेजरी के 12 पृष्ठ की रिपोर्ट भारतीय वायु सेना द्वारा किए गए हवाई हमले के प्रमाण के रूप में प्रस्तुत किए गए हैं।
फ़िलहाल, देखना यह है कि सिद्धारमैया अब अपने बयान पर कायम रहते हैं या अब अपने ही पार्टी के नेताओं के लम्बे टीके को देखते हुए, उनसे भी डरना शुरू कर देते हैं।
कॉन्ग्रेस ने केजरीवाल को ठुकराया तो ट्विटर ने लिए 'तन्हा आत्ममुग्ध बौने' के मजे। शीला द्वारा AAP से गठबंधन की पेशकश ठुकराते ही केजरीवाल ने कहा- 'सब मिले हुए हैं जी!' आप भी ट्विटर पर लोगों की क्रिएटिविटी देख कर लोट-पोट होइए।
"राहुल गांधी आपके नेता ने इस राष्ट्र के पीएम की हत्या का आह्वान किया है तो क्या आप उन पर कार्रवाई करेंगे? यदि आप स्पष्ट रूप से कार्रवाई नहीं करते हैं तो इसका मतलब है कि आप अपने नेता के शब्दों का समर्थन करते हैं?
इस किताब का दावा है कि साल 2007 के गुजरात चुनाव के दौरान दूरदर्शन के संवाददाता संपादकीय सलाह के तौर पर एक 'कंसलटेंट' और तीस्ता सीतलवाड़ से आदेश लेते थे।