हमारे पास 12 ऐसे उदाहरण हैं, जब वामपंथी मीडिया ने कोरोना की दूसरी लहर से ठीक पहले अपने ऑनलाइन पोर्टल्स पर वैक्सीन को लेकर फैक न्यूज फैलाई और लोगों के बीच भय का माहौल पैदा किया।
”अंडमान में कोरोना की गंभीर स्थिति को लेकर चिंतित हूँ। जीबी पंत अस्पताल में हर रोज 4-5 मौतें हो रही हैं। 4 लाख लोगों के लिए केवल 50 वेंटिलेटर उपलब्ध हैं। लोगों में लक्षण दिखने के बाद भी टेस्टिंग नहीं हो रही है।”
पत्र को करीब से देखने से यह स्पष्ट होता है कि संबित पात्रा ने जो कहा वह वास्तव में सही है। पत्रों में उल्लेख है कि दिल्ली में केजरीवाल सरकार 'खरीद करने की योजना' बना रही है। न कि ऑर्डर दिया है।
चैरिटी कमिश्नर ने बताया कि ‘We The People Charitable Society’ नाम से एक एनजीओ पहले से ही मौजूद है। उन्होंने माँग की कि ट्रस्ट के खिलाफ एक नाम के तहत खुद को पंजीकृत करने के लिए कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए जो कि पहले से मौजूद है।
राजस्थान में रहने वाले 25 हजार से अधिक पाकिस्तानी हिंदू प्रवासी कोरोना के कहर से बचने के लिए टीकाकरण का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन आधार कार्ड व अन्य कोई पहचान पत्र उपलब्ध नहीं होने के कारण कोरोना की वैक्सीन लगाना उनके लिए टेढ़ी खीर हो गया है।