लड़की ने जिस समय हत्या की उस वक्त वो कॉलेज की यूनिफॉर्म में थी। उसने लड़के को घटनास्थल पर बुलाया। दोनों कोने में खड़े होकर बात करने लगे। थोड़ी देर में लड़की ने बैग से चाकू निकालकर वार कर दिया।
पूर्व प्रधान ने 8 वर्ष पहले ही आदिवासियों से ज़मीन सम्बन्धी कागजात पर हस्ताक्षर करा लिए थे। चूँकि, आदिवासी केवल हस्ताक्षर करना जानते थे और वे यह देखने में सक्षम नहीं थे कि कागजात पर क्या लिखा हुआ है, पूर्व प्रधान ने इसका ग़लत फायदा उठाया।
पीड़िता शबनम का कहना है "जब वो पड़ोस में अपने रिश्तेदार के यहाँ जा रही थी तभी अचानक शाहिद और उसके अब्बू जाहिद, भाई सादे और बासिद ने रोककर भला-बुरा कहते हुए उसके साथ मारपीट की। इसी बीच शाहिद ने चाकू निकालकर उसकी नाक काट दी।"
बच्ची चाचा के घर जाने के बजाए मामा के घर कुर्बानी की कलेजी लेकर पहुँच गई थी, जिससे चाचा नाराज था। पहले उसने उसे डाँटा, फिर मारा और बाद में बोरे में उसका शव भरकर नाले में फेंक आया।
सईदा के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और पुलिस ने सईदा के शौहर और ससुराल वालों के ख़िलाफ़ दहेज उत्पीड़न और हत्या का मामला दर्ज कर लिया है। अभी तक किसी की गिरफ़्तारी नहीं हुई है।
शब्बू के घर के बाहर बिस्किट का रैपर पड़ा था। जिसे देखकर शब्बू और उसकी माँ नसीमा साजिद के भतीजे पर भड़क उठे। जब साजिद की माँ ने इसका विरोध किया तो शब्बू उनके साथ गाली-गलौच पर उतर आया।
2017 में गोवा की अदालत से आरोप तय हो जाने के बाद तेजपाल ने बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख़ किया था। हाई कोर्ट ने भी आरोप खारिज करने की उनकी याचिका नामंजूर कर दी थी।
यास्मीन की बड़ी बेटी ने बताया कि जब वो ट्यूशन से घर लौटी तो उसने देखा कि आग में जल रही उसकी अम्मी को बड़ी अम्मी, कौसर और निदा ने पकड़ रखा था। पीड़िता की तीनों बच्चियों ने मिलकर किसी तरह आग बुझाई।
इंस्पेक्टर अब्दुल सईद का भांजा मुजेसर थाने में एक मामले में नामजद था, उसे वो बाहर निकलवाना चाहता था। उसकी महिला मित्र का उसके ससुर के साथ प्रॉपर्टी को लेकर एक विवाद था, इस मामले में भी इंस्पेक्टर अब्दुल ने डीसीपी विक्रम कपूर पर...
छापेमारी के दौरान 1.23 लाख रुपए, एक लैपटॉप, 3 स्वाइप मशीन, 3 वाउचर बुक्स और कुछ कागजात जब्त किए गए हैं। थाई विला मुंबई के पॉश वीले पार्ले क्षेत्र में दीक्षित रोड पर स्थित है।