Friday, November 22, 2024

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Delhi Anti-Hindu Riots

अपने 2 बच्चों के लिए दूध लेने निकले थे दलित दिनेश: मुस्लिम दंगाइयों ने सिर में मारी गोली, मौत

दिनेश की हत्या तब की गई, जब वो अपने बच्चों के लिए दूध लेने निकले थे। उनका एक बेटा 7 साल का तो दूसरा मात्र 1.5 साल का है। दिनेश को गोली राजधानी स्कूल के छत पर जमा दंगाइयों ने मारी।

खाना खा घर से निकले आलोक तिवारी फिर लौटे नहीं, चंदा इकट्ठा कर हुआ अंतिम संस्कार: ग्राउंड रिपोर्ट

"उनके नंबर से मेरे पास फोन आया। उधर से कोई और बोला और पूछा कि यह किसका नंबर है? मैंने कहा मेरे पति का... मैं कुछ लोगों को लेकर घटनास्थल की ओर दौड़ी तो देखा कि एक दुकान के सामने वह घायल पड़े हुए हैं मैं देखते ही बेहोश हो गई।"

दंगों में इशरत जहाँ हुई गिरफ्तार तो भड़की कॉन्ग्रेस, बोली- एकतरफा कार्रवाई कर रही दिल्ली पुलिस

पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट से दखल की अपील की है। साथ ही दावा किया है कि हालात अभी भी सामान्य नहीं हुए हैं। लोगों में अब भी भय का माहौल है।

हिन्दू महिलाएँ दूर से आकर नाले में भरती हैं केजरीवाल का ‘फ्री पानी’, मुस्लिमों के लिए टंकी: ग्राउंड रिपोर्ट

"हम 20,000 हिन्दू इसी नाले के पास आकर रोज पानी भर रहे हैं। मुस्लिमों के लिए टंकी लगवाई गई है, हिन्दुओं को छोड़ दिया गया है।" AAP विधायक हाजी यूनुस के इलाके की जमीनी हकीकत, जिस पर दंगा में शामिल होने के भी स्थानीय लोग लगा रहे आरोप।

ग्राउंड रिपोर्ट: बृजपुरी मस्जिद की तरफ से आए दंगाई और राहुल को मार दी गोली…

"कमरे के अंदर आओ तो मेरे बेटे राहुल को लेकर ही आना, नहीं तो वापस चले जाना।" एक मॉं के इस सवाल का जवाब मेरे पास नहीं था। आपके पास भी नहीं होगा। इसलिए इस दंगाई भीड़ की पहचान जरूरी है ताकि कल कोई राहुल फिर बेमौत मारा न जाए।

हिन्दू घृणा से लेकर मुस्लिम भीड़ का आतंक, दिल्ली दंगों की जो बातें आपसे छिपाई गई

नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में कैसे और कब क्या हुआ, ये सब हम आपके समक्ष लाए हैं। इस दंगों के मुख्य किरदार कौन हैं और मीडिया ने कैसे पक्षपाती रवैया अपना कर पीड़ित हिन्दुओं के साथ अन्याय किया, ये सब यहाँ आपको हम बताएँगे। पूरे प्रकरण की क्रोनोलॉजी समझिए, टाइमलाइन जानिए।

बच गई ‘नो CAA, नो NRC’ लिखी दुकानें, बाकी को कर दिया ख़ाक: सामने आया दिल्ली दंगों का ‘ट्रेंड’

इस विडियो में आप देख सकते हैं कि किस तरह 'NO NRC, NO CAB' लिखी हुई दुकानें आगजनी से बच जाती हैं और ठीक उनके बगल में मौजूद हिन्दुओं की दुकानें जिन पर ऐसा नहीं लिखा होता चुन-चुन कर फूँक दी जाती हैं। ऐसा एक जगह नहीं, कई इलाक़ों में हुआ।

तब ब्रिटिश थे, अब कॉन्ग्रेस है: बंगाल विभाजन से दिल्ली दंगों तक यूँ समझें ‘मजहब’ वालों का किरदार

कॉन्ग्रेस जैसे राजनैतिक दल पहले समुदाय विशेष को भड़काते हैं, फिर तुष्टिकरण को सत्ता का जरिया बनाते हैं। इसके बाद मुस्लिम नेता ऐसे मौके का नाजायज ‘फायदा’ उठाने के लिए पहले अलग संविधान, फिर अलग देश की माँग करने लगते हैं।

दिल्ली दंगों के विरोध में हिंदुओं का पीस मार्च, लगे ‘आतंकी नहीं पलने देंगे, देश नहीं जलने देंगे’ के नारे

मार्च में शामिल लोगों ने इस बात पर चिंता जताई कि एक तरफ़ हिन्दू अपने रोजमर्रा के कार्य में व्यस्त रहते हैं, वहीं समुदाय विशेष वाले सड़क जाम कर अपनी साजिशों को अंजाम देने में लगे रहते हैं।

शादी के 1 हफ्ते पहले मारी गोली, बिलखते भाई ने बताया- 500 मुस्लिम दंगाइयों ने बोला था धावा

दंगाई भीड़ पूरी तैयारी के साथ आई थी। कुछ ने हेलमेट पहन रखे थे। कइयों ने अपना चेहरा छिपा रखा था। विकास ने बताया कि जब मुस्लिम भीड़ वापस चली गई, तब घायल हिन्दुओं को अस्पताल ले जाया जा सका।

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