"किसी भी प्रकार की सब्सिडी थोपी नहीं जाएगी। कई सारी ऐसी महिलाएँ हैं जो इन यात्रा माध्यमों का प्रयोग कर सकती हैं। जो सक्षम हैं, वे टिकट ख़रीद कर यात्रा कर सकती हैं, उन्हें सब्सिडी की ज़रूरत नहीं है।"
शहनाज के परिवार वाले दूसरे धर्म के लड़के गौरव से शादी करवाने के लिए तैयार नहीं थे और शहनाज की मर्जी के बगैर 10 फरवरी को उसकी शादी कहीं और करवा रहे थे। इसलिए उसने 6 फरवरी को घर छोड़ दिया और दिल्ली के जंगपुरा के शेल्टर हेम में शरण लिया।
अलका लांबा ने कहा कि अगर दिल्ली में चुनाव जीतना है, तो अरविंद जी को दिल्ली पर फोकस करना चाहिए और संविधान के मुताबिक पार्टी के संयोजक का पद संजय सिंह जी को सौंप देना चाहिए, क्योंकि उनके पास संगठन का अनुभव भी है।
घमंड वाली बात से ही अरविन्द केजरीवाल 'ट्रिगर' हो गए और उनके हारे हुए प्रत्याशियों ने उनके इशारे पर अलका लाम्बा को ग्रुप से बाहर कर दिया। इसके बाद आज अलका लाम्बा ने कुछ और बेहद करुणामय और मार्मिक ट्वीट के माध्यम से अपनी बात सामने रखते हुए लिखा है कि बार-बार व्हाट्सएप्प ग्रुप में जोड़ने-निकालने से बेहतर होता इससे ऊपर उठकर कुछ सोचते, बुलाते, बात करते, गलतियों और कमियों पर चर्चा करते, सुधार कर के आगे बढ़ते।
हत्या करने के बाद आरोपित आलम सीधा मस्जिद भागता है। उसे यह आत्मविश्वास कहाँ से आया कि मस्जिद में छिपने से वह सज़ा से बच जाएगा? मीडिया से एक सवाल। अगर मारने वाले का कोई मज़हब नहीं तो बीच-बचाव करने वाले का मज़हब हाइलाइट करना ज़रूरी क्यों?
मृतक त्यागी को 11 लोगों ने घेर कर मारा था। इस हत्याकांड में आरोपितों के परिवार की 4 महिलाएँ भी शामिल थीं। इस घटना को अंजाम देने के बाद आरोपितों ने मस्जिद में शरण लेनी चाही। चर्चा है कि गाँव वाले किसी भी मुस्लिम को घर किराए पर न देने का निर्णय ले सकते हैं।
बेटी से छेड़खानी का विरोध करने जब मृतक ध्रुव त्यागी आरोपितों के घर उसके अब्बा के पास गए तो उन सबने मिलकर त्यागी पर लाठी-डंडे और चाकुओं से हमला कर दिया। उन्होनें पत्थरों से भी मारा। 2 नाबालिग भी इस हत्याकांड में शामिल हैं। पीड़िता के भाई को भी चाकू मारा गया है।
इन केंद्रों को ऐसे बनाया गया था, जिसमें सिर्फ महिला स्टाफ ही थीं। जिनमें पीठासीन अधिकारी से लेकर अन्य स्टाफ तक सिर्फ महिलाएँ ही थीं। इन मतदान केंद्रों पर महिला वोटर खासकर, मुस्लिम महिला वोटरों की संख्या...
सुरेश AAP की रैलियों और सार्वजनिक बैठकों के लिए एक आयोजक के रूप में काम करता था। पुलिस ने पार्टी के रजिस्टर्ड कार्यकर्ता से भी इस बारे में पूछा। उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि वो आम आदमी पार्टी के कार्यक्रमों को आयोजित करने में मदद किया करता था।
AAP ने 20 नए डिग्री कॉलेजों के निर्माण का वादा किया था लेकिन अब तक एक पर भी काम शुरू नहीं कराया जा सका है। जितने शिक्षकों की ज़रुरत थी, उससे आधे से भी कम पदों पर नियुक्तियाँ की गई हैं। फ्री वाई-फाई सर्विस से लेकर सीसीटीवी योजना सब की हालत पंक्चर है।