Saturday, April 27, 2024

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History

किसने और क्यों शास्त्री जी के चेहरे पर चन्दन मल दिया था? पढ़िए उनके नाती संजय नाथ की जुबानी

"मैं रूस से आए निमंत्रण के बाद अपनी नानी के साथ ताशकंद गया, जब मैं उनके कमरे में गया (जहाँ शास्त्रीजी की मृत्यु हुई थी) तो मुझे पता चला कि उनके कमरे में एक घंटी तक नहीं थी। सरकार ने झूठ बोला था कि उनके कमरे में कई फोन थे। क्यों?"

जब बनी थी बॉलीवुड की अपनी राजनीतिक पार्टी, किसको था ख़तरा, कौन डरा, किसने धमकाया, क्या हुआ अंजाम?

जब आपातकाल के बाद देव आनंद की अध्यक्षता में बनी थी बॉलीवुड की अपनी राजनीतिक पार्टी। जानिए क्या हुआ इसके बाद। राजनारायण ने क्यों जोहर के हाथ-पाँव तोड़ने की धमकी दी थी? क्या हुआ नेशनल पार्टी का और क्यों अकेले पड़ गए थे देव आनंद?

कोहिनूर धारण करने वाला सिख सम्राट जिसकी होली से लाहौर में आते थे रंगीन तूफ़ान, अंग्रेज भी थे कायल

कहते हैं कि हवा में गुलाल और गुलाबजल का ऐसा सम्मिश्रण घुला होता था कि उस समय रंगीन तूफ़ान आया करते थे। ये सिख सम्राट का ही वैभव था कि उन्होंने सिर्फ़ अंग्रेज अधिकारियों को ही नहीं रंगा बल्कि प्रकृति के हर एक आयाम को भी रंगीन बना देते थे।

#बालाकोट: हूरों के चक्कर में मारे गए थे 300 जेहादी… वो भी 188 साल पहले

सैयद अहमद शाह ने राजा रणजीत सिंह द्वारा अज़ान और गौतस्करी पर प्रतिबंध लगाने की बात सुनकर जिहाद की घोषणा कर दी थी। जिस समय पर बरेलवी बालाकोट पहुँचा उस समय उसके साथ 600 जिहादी थे और पेशावर के हज़ारों पठानों द्वारा भी उसे समर्थन दिया जा रहा था।

केसरी की असली कहानी: जब 21 सिखों ने 10000 इस्लामी आक्रांताओं को चटाई थी धूल

संख्या में मात्र 21 लेकिन अनंत साहस एवं पराक्रम से भरे सिख जवानों ने 10,000 इस्लामी आक्रांताओं के पसीने छुड़ा दिए। हम भले ही उनके बलिदान को भूल गए लेकिन ब्रिटेन और फ्रांस में वे आज भी याद किए जाते हैं- सम्मान के साथ।

जब तक शेर अपनी कहानी खुद नहीं कहता शिकारी महान बना रहेगा

हज़ार वर्षों से हमलों के सामने प्रतिरोध की क्षमता ना छोड़ने वाले हिन्दुओं की कहानी लिखने वालों को पब्लिक कब ढूँढेगी?

सेकुलर भारत के राष्ट्रपति भवन में ‘मुग़ल गार्डन’: ग़ुलामी के प्रतीकों पर गर्व करने वाली अकेली प्रजाति

गार्डन का नाम 'कलाम गार्डन' कर दो जो कि एक आदर्श नागरिक थे, भारत रत्न थे। आक्रांताओं के नाम पर गार्डन! आतंकियों, लुटेरों, बलात्कारियों, हत्यारों, नरसंहारकों, मूर्तिभंजकों, आतताइयों, धर्मांध अत्याचारियों आदि के नाम से कुछ भी है ही क्यों इस देश में?

लैंगिक समानता हिन्दू जीवन-दर्शन का अभिन्न अंग: अन्य धर्मों-सभ्यताओं से एक तुलनात्मक अध्ययन

इतिहास में क्या कहीं भी ऐसा वाक़या मिलता है, जहाँ महिलाओं ने किसी धर्म या संस्कृति की प्राथमिक पुस्तक का लेखन कार्य किया हो? भारत में महिलाओं ने वेद लिखे हैं

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