लोकसभा में अमित शाह की ओर से लाया गया संकल्प स्वीकार किया गया है। इसके पक्ष में 370 और विपक्ष में 70 वोट पड़े हैं। एक सांसद ने अपना मत नहीं डाला, जबकि कुल 441 सदस्यों ने वोटिंग में हिस्सा लिया है। इसके साथ ही लोकसभा से भी जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल 2019 पास हो गया है।
“जम्मू-कश्मीर को 2 हिस्सों में बाँटकर, जनता के द्वारा चुने हुए प्रतिनिधियों को जेल में डालकर और संविधान का उल्लंघन करके देश को एकजुट नहीं रखा जा सकता। देश उसकी जनता से बनता है न कि जमीन के टुकड़ों से। सरकार द्वारा शक्तियों का दुरुपयोग राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंंभीर खतरा साबित हो सकता है।”
'हमने सिर्फ एक किताब फाड़ा है।' यानी कि उनके अनुसार देश के संविधान की प्रति उनके लिए महज एक किताब है। उनका कहना है कि संविधान उन्होंने नहीं, बल्कि भाजपा ने फाड़ा है।
"आप लोग डरिए मत, ये हम कह रहे हैं... ये जुल्म कश्मीरी बर्दाश्त नहीं करेगा। हिन्दुस्तान तो फासिस्ट है... ये हमारे लिए एक लानत है और मैं इस लानत को स्वीकार नहीं करूँगा।"
किताबें तो मैंने भी बहुत पढ़ी हैं, और पेज नंबर मुझे भी याद हैं, लेकिन मैं अभी तक इतना धूर्त नहीं बन पाया कि उस ज्ञान का इस्तेमाल अपनी फर्जी विचारधारा और मालिकों के प्रोपेगेंडा की रोटी सेंकने में कर सकूँ। वो तरीके रवीश को ही मुबारक हों।
जेएनयू में आर्टिकल 370 पर सरकार के फैसले के ख़िलाफ़ 'आजादी-आजादी' के नारों की गूँज सुनाई दी। भीड़ ने रात के अँधेरे में यहाँ जमकर नारेबाजी की और अनुच्छेद 370 को वापस लेने की माँग की। इन लोगों ने सेना को लेकर भी काफ़ी अपशब्द बोले।
"अगर हिंदुस्तान सच में 370 को हटा कर कश्मीर का पूर्ण विलय हिंदुस्तान में कर ले गया तो ट्रम्प का कश्मीर मामले पर मध्यस्थता करना पाकिस्तान को ही महँगा पड़ेगा।"
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल राज्यसभा में पास हो गया है। जम्मू-कश्मीर को दो भागों में बाँटने वाले इस बिल पर सदन में बिल के पक्ष में 125 वोट पड़े तो वहीं इसके विपक्ष में 61 वोट पड़े। जबकि एक सदस्य गैर हाजिर रहा। इससे पहले राज्यसभा से जम्मू कश्मीर आरक्षण दूसरा संशोधन बिल ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।
कश्मीर से 370 जाने पर कभी "मार दूँगा-चीर दूँगा", तो कभी "ऐ जानेवफ़ा, ये ज़ुल्म न कर" का ऑड-ईवेन खेलने वाले इन नेताओं ने PM मोदी के साथ-साथ पूरे देश को जिस-जिस भाषा में धमकी दी थी, उसका पूरा कच्चा चिट्ठा यहाँ है। आज ये नेता कहाँ होंगे, क्या कर रहे होंगे, सोचिए...