बागी विधायकों का कहना है कि कॉन्ग्रेस नेता उन्हें कई तरह से प्रभावित करने और डराने की कोशिश कर रहे हैं। इस कारण से उन्होंने मुंबई पुलिस को पत्र लिखकर अपने लिए सुरक्षा की भी माँग की है। साथ ही उन्होंने कहा है कि वे किसी भी कॉन्ग्रेस नेता से नहीं मिलना चाहते हैं।
मुख्यमंत्री ने आदेश दिया है कि जो गौ-पालक दूध निकाल कर पशुओं को सड़कों पर छोड़ देते हैं, उनके ख़िलाफ़ जुर्माने और दंड की सख्त कार्रवाई हो। वहीं जो निराश्रित गोवंश को पाल रह हैं, उन्हें 900 रुपए प्रतिमाह दिए जाएँ।
जब बागपत एसपी से यह पूछा गया कि आखिर इमाम ने बाद में अपनी शिकायत में 'जय श्री राम' वाली बात क्यों जोड़ी, तो उन्होंने कहा कि अपने सहयोगियों के प्रभाव में आने के बाद उसने ऐसा किया। एसपी ने अंदेशा जताया कि उसके मित्रों ने उसे सलाह दी होगी कि जबरन 'जय श्री राम' बुलवाने वाली बात शिकायत में जोड़ देने के बाद मीडिया इस घटना को ज्यादा महत्त्व देगा और इसे फैलाया जाएगा।
अमेठी में एक दलित व्यक्ति शशांक को मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पीटा। इस दौरान शशांक के साथ-साथ उसके भाई और पत्नी को भी चोटें आईं थीं। इस घटना का वीडियो भी वायरल हुआ। अमेठी पुलिस ने इस घटना की पुष्टि की है। लेकिन मीडिया गिरोह में चुप्पी है, स्क्रीन काली नहीं की गई है।
राणा सफ़वी ने अपने लेख में भारत की जीडीपी के आँकड़े दिखा कर मुग़लों को महान साबित करने की कोशिश की है लेकिन उनकी चालाकी पकड़ी गई। हमारे घर में घुस कर हमारे मंदिर तोड़ने वाले मुग़लों की चापलूसी करने वाले कल को जलियाँवाला नरसंहार को भी सही ठहरा सकते हैं।
चेहरे को पत्थर से कुचल दिया। दाहिने हाथ को क्षत-विक्षत किया गया। यह सब इसलिए ताकि पहचान छिपाई जा सके। लेकिन 3 टैटू, सोशल मीडिया प्रोफाइल और मोबाइल लोकेशन ने अपनी ही गर्लफ्रेंड के हत्या आरोपित अशरफ़ शेख़ को पहुँचाया जेल।
"गुजरात दंगों की पृष्ठभूमि पर आधारित एक कहानी 'Manibein alias Bibijaan' में बजरंग दल और RSS से संबंधित संगठनों को बेहद ख़राब भूमिका में दर्शाया गया है। RSS और बजरंग दल को गुजरात दंगों में हमलावर के रूप में दिखाया जा रहा है।"
मोदी के जीतते ही ऐसी खबरों में अचानक से इजाफा कैसे हो गया? आखिर आधी खबरें झूठी क्यों साबित हो रही हैं? दर्जन भर मंदिर तोड़े गए, मूर्तियाँ विखंडित हुईं, और हर बार आरोपित या तो 'शांतिप्रिय' है, या अज्ञात।
गाँव-नगर में ढिंढोरा पिटवाने का राज-आदेश दे दिया गया कि युवराज नाराज हैं और कई दिनों से "कॉन्गलेच के छोना बाबू थाना नहीं था रहे।" तमाम विश्लेषकों के माथे बल पड़ गया। राजनीति के गलियारों में हलचल मच गई।
कारवाँ के कार्यकारी सम्पादक विनोद के. होज़े ने लंदन में भारत-विरोधी प्रेज़ेंटेशन दिया। उन्होंने दावा किया कि हिंदुस्तान के अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हो रहे हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि "सैकड़ों ईसाईयों की हत्या हो रही है।" और "1984 का सिख हत्याकांड भी आरएसएस का रचा हुआ था।"