वामपंथी पोर्टलों पर नैरेटिव बदलने की कोशिशें जारी हैं। वो यह सोच रहे हैं कि साल भर बाद हिन्दू समाज और रिसते घावों को चाटती दिल्ली भूल गए होंगे कि साल भर पहले उसके सीने पर छुरा मारने वाले, और कपड़ों पर आग लगाने वाले लोगों की पहचान क्या थी।
आपको किसी ने जबरन तो नहीं कहा कि जियो का सिम ले लो और रिलायंस फ्रेश से ही सब्ज़ियाँ खरीदना? अडानी ने तो जबरदस्ती नहीं की आपके साथ? टाटा ने यह तो नहीं कहा कि मेरी कार नहीं लोगे तो मोदी को बता देंगे?
किसानों के नाम पर खालिस्तानियों की धमकी, हिंदू महिलाओं के लिए आपत्तिजनक बातें आप सुन चुके हैं। अब एक वीडियो में ‘प्रदर्शनकारी’ महिलाएँ पीएम मोदी के मरने की दुआ कर रही हैं।
पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा का लंबा इतिहास रहा है। हिंसा के लिए कुख्यात वामपंथी दलों ने इस 'संस्कृति' को पाला-पोसा और अब TMC इसे हथियार बना रही है।
देश का हर नेता राजनीतिक के रास्ते पर चलते हुए आम नागरिकों को बहुत कुछ देता है, जब कभी ‘असदुद्दीन ओवैसी ने क्या दिया’ इस पर चर्चा होगी, तब इनके बारे में क्या कहा जाएगा?