Sunday, November 17, 2024

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Latest News about Lok Sabha Elections in Hindi

बजट 2019: चुनाव से पहले ही किसानों के खाते में होगी ₹2000

किसानों के लिए उठाए गए इस कदम से जहाँ सरकार पर ₹75 हज़ार करोड़ का खर्च बढ़ेगा वहीं देश के लगभग 12 करोड़ किसानों को इससे लाभ पहुँचेगा।

राहुल-चिदंबरम के आँकड़े में लोचा, ₹7 लाख करोड़ से भी ज्यादा का वित्तीय भार पड़ेगा सरकार पर

गरीबों को न्यूनतम आय देने वाली यह योजना अगर अस्तित्व में आती है तो सरकार पर वित्तीय भार बढ़ जाएगा। क्योंकि पहले से ही सरकार गरीबों को सब्सिडी दे रही है और कई राज्यों ने किसान कर्ज़माफ़ी भी शुरू कर दी है।

हम थोड़े बेवफ़ा क्या हुए, आप तो बदचलन हो गए: राहुल गाँधी अमेठी सभासदों से

सभी के सभी 13 सभासद 'अल्पसंख्यक' समाज से आते हैं। कॉन्ग्रेस के लिए यह घाव तब भगंदर बन गया, जब ख़बर में यह भी है कि ना सिर्फ 13 सभासदों ने बल्कि अल्पसंख्यक समाज की कई महिलाएँ और पुरुषों ने भी 'कमल' को ही अपना लिया।

कलिकाल के संजय हैं दिव्यदृष्टिधारी जनेऊधारी शिवभक्त रामभक्त दत्तात्रेय गोत्री राहुल गाँधी

राहुल गाँधी की दिव्यदृष्टि एक के बाद एक सपने देखने में अब तक लगातार कामयाब रही है। जैसे उनका एक सपना था कि राफेल डील की फ़ाइलें पर्रीकर के बेडरूम में थीं।

बहुमत की सरकार ले पाती है सही फ़ैसले, त्रिशंकु सरकार विकास में बाधक: PM मोदी

मोदी ने कहा कि नोटबंदी पर सवाल उठाने वालों को सस्ते हुई मकान की कीमतों और अन्य फायदों के बारे में पूछना चाहिए। मुद्रा योजना के तहत सवा चार करोड़ लोगों ने पहली बार ऋण लिये हैं जो नए रोजगार के अवसरों के सृजन को दर्शाता है।

मायावती ने राहुल गाँधी के वादों का उड़ाया मज़ाक

मायावती ने राहुल के इस वादे पर सवाल उठाया कि ग़रीब को न्यूनतम आय देने का वादा, कॉन्ग्रेस के ‘ग़रीबी हटाओ’ और बीजेपी के ‘अच्छेदिन’ जैसा ही मज़ाक तो नहीं है ।

सर्वे में जनता ने कहा- अबकी बार, फिर नरेंद्र मोदी सरकार

सर्वे में शामिल 85% लोगों ने धर्म या जाति की जगह विकास के नाम पर वोट देने पर स‍हमति जताई।

प्रधानमंत्री की रेस में सबसे नज़दीक तो मैं खुद हूँ: यशवंत सिन्हा

उन्होंनेयशवंत सिन्हा ने कहा कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह आगामी चुनाव में 200 से कम सीटें आने के बावज़ूद नेतृत्व से नहीं हटेंगे।

नक़ाबपोश एक्सपर्ट के समर्थकों, तुम्हारे कपड़ों का ही नक़ाब उसने पहना है!

आख़िर सवाल यह है कि क्यों करा ली जाए जाँच? क्या लगातार हो रहे चुनावों में अलग-अलग पार्टियों की जीत इस सवाल का स्वतः जवाब नहीं दे देती?

पिया वही जो दुल्हन मन भाए

विपक्ष अपने इतिहास और वर्तमान के प्रकाश में नरेंद्र मोदी के समक्ष खड़ा करने के लिए समकक्ष नेता नही ढूँढ पा रहा है

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