इन संस्थाओं में आने वाले बच्चों को शुरू से ही ईसाई बनाने की प्रक्रिया में डाल दिया जाता है। वे गले में क्रॉस लटकाते हैं। परिसर में ही चर्च में प्रेयर्स करते हैं।
ED के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि विकास दुबे की संपत्तियों से संबंधित जानकारी इकट्ठा करने के लिए एक टीम कानपुर गई थी। इस दौरान उससे जुड़े लोगों के बारे में भी जानकारी जुटाई गई है।
विकास दुबे की माँ ने कहा, "सरकार जो उचित समझे वो करे, हमारे कहने से कुछ नहीं होगा। मेरा बेटा बीजेपी में नहीं, सपा में है और महाकाल ने विकास को बचा लिया।”
कानपुर के लोग विकास दुबे को गुनाह और दरिंदगी का दूसरा चेहरा मानते हैं। विकास दुबे ने स्कूल में पढ़ते समय ही वहाँ के प्रिंसिपल की बर्बरतापूर्ण हत्या कर दी थी। स्कूल केे प्रिंसिपल सिद्धेश्वर पांडेय काफी बुजुर्ग थे।