संजय राउत के मुताबिक 'महाराष्ट्र के हित में' शिवसेना के साथ कॉन्ग्रेस और एनसीपी आ सकते हैं। बकौल राउत शिवसेना को समर्थन का आँकड़ा 175 तक पहुँच सकता है। 288 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत का आँकड़ा 145 है।
मुंबई में विधान भवन के कैंपस में शपथ ग्रहण की तैयारियाँ चल रही हैं। शपथ ग्रहण के लिए स्टेज बनाया जा रहा है। शामियाना लगाया जा रहा है, कुर्सियाँ लगाई जा रही है। बाक़ी तैयारियाँ भी ज़ोरों पर है।
पवार ने एक बार फिर शिवसेना को झटका देते हुए कहा है कि वो विपक्ष में बैठेंगे। नासिक में एनसीपी के संस्थापक-अध्यक्ष ने कहा कि चूँकि उन्हें विपक्ष में बैठने का जनादेश प्राप्त हुआ है, इसीलिए उनकी पार्टी सरकार गठन की प्रक्रिया का हिस्सा नहीं बनेगी।
“सब जानते हैं कि विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने हमारे कई विधायक और नेताओं को अपने खेमे में शामिल कर लिया था। अगर वे सरकार बनाने में सक्षम होते हैं, तो वे फिर से और अधिक सख्ती के साथ ऐसा करेंगे। ऐसे में अगर हम शिवसेना के साथ सरकार बनाने में सक्षम....."
शिवसेना को समर्थन पर कॉन्ग्रेस का विभाजन साफ-साफ नजर आ रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण और पृथ्वीराज चव्हाण इसके पक्ष में बताए जाते हैं। वहीं, सुशील शिंदे और संजय निरुपम जैसे नेता इसका विरोध कर रहे हैं।
“बीजेपी-शिवसेना गठबंधन के पास स्पष्ट बहुमत है। इसके अलावा निर्दलीयों का समर्थन भी है, गठबंधन ने 288 में से 161 सीटें जीतकर जनादेश हासिल किया है। हम इस जनादेश का सम्मान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें नहीं लगता कि एक स्थिर सरकार बनाने में कोई बाधा है।”
कयास लगाए जा रहे हैं कि राज्य में अल्पमत की सरकार बन सकती है, जिसे बाहर से एनसीपी समर्थन दे सकती है। जिस तरह से 2014 के चुनाव के बाद 288 सदस्यीय विधानसभा में जब 122 विधायकों वाली फड़नवीस की अल्पमत सरकार ने शपथ ली थी तो एनसीपी ने उसे बाहर से समर्थन दिया था।
"हमें पता है कि गठबंधन में बने रहना ही बेहतर है और यही राज्य के भी हित में है। जो हम चाहते हैं, वह यह कि हमें सम्मान दिया जाए। हमें इसे ठंडे दिमाग से करना होगा।"
मुख्यमंत्री फडणवीस ने भाजपा विधायकों का आभार जताया। उन्होंने कहा कि पार्टी ने उन पर दोबारा भरोसा जताया है। साथ ही सीएम फडणवीस ने शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को भी धन्यवाद दिया। महाराष्ट्र के राजनीतिक घटनाक्रम पर...
भाजपा महाराष्ट्र में अल्पमत की सरकार चला सकती है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि 15 निर्दलीय विधायकों का समर्थन पार्टी के साथ है। ऐसे में एनसीपी के वॉकआउट के बाद भाजपा विश्वासमत साबित कर देगी।