क्या किसी पार्टी का पूर्व अध्यक्ष और सर्वेसर्वा ऐसा कह सकता है कि उसकी पार्टी ने कुछ नहीं किया? राहुल गाँधी कह सकते हैं। उन्होंने महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार के दौरान कहा कि जनता ने अब बहुत देख लिया है और पिछले 70 सालों में कुछ नहीं हुआ।
पता लगाया जा रहा है कि पीएमसी बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर जॉय थॉमस उर्फ़ जुनैद ख़ान और उसकी दूसरी पत्नी की इन सम्पत्तियों में कितने प्रतिशत की हिस्सेदारी है। मियाँ-बीवी द्वारा संयुक्त रूप से स्वामित्व रखने के कारण पुलिस के लिए इन सम्पत्तियों को अटैच करना मुश्किल साबित हो रहा है।
केशव प्रसाद मौर्य ने विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधते हुए कहा, “देवी लक्ष्मी हथेली, साइकिल या घड़ी पर नहीं बैठतीं, बल्कि वह कमल पर बैठती हैं। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 कमल के फूल के कारण ही निरस्त हुआ। कमल विकास का प्रतीक है।”
".....जरूरी पारिवारिक समारोह की वजह से मैं पूरे दिन व्यस्त था और इसकी जानकारी मैंने राहुल गाँधी को पहले ही दे दी थी। वो (राहुल गाँधी) मेरे नेता हैं और मेरे लिए हमेशा रहेंगे। लेकिन निकम्मा क्यों अनुपस्थित था?”
‘‘आपको इस बात का एहसास करने में लंबा वक्त लगा कि बाला साहब ठाकरे को गिरफ्तार करना एक भूल थी। अगर आपके आँसू सच्चे हैं तो आपको उनकी गिरफ्तारी पर माफी माँगनी चाहिए।’’
"एजाज यंग और हॉट हैं। वो यंग लोगों की बात समझेंगे और शहर को बेहतर विकास देंगे। उनके नेतृत्व में रेप होना बंद हो जाएगा। महिलाओं की पूजा की जाएगी। वो जाति के आधार पर भेदभाव भी खत्म कर देंगे। प्लीज उनको सभी लोग जीत सुनिश्चित करें।"
मुस्लिम समुदाय ने आस्था के इस पर्व पर हिंसात्मक गतिविधियों को अंजाम देकर न सिर्फ़ हिन्दुओं की आस्था को तार-तार किया बल्कि उनके धार्मिक अनुष्ठानों में कई तरह के व्यवधान भी डाले। कहीं ईंट-पत्थर, तलवार और हथियार से हमले किए गए। कितनी ही मूर्तियाँ तोड़ी गईं। इतना ही नहीं, विसर्जन के दौरान मार्ग पर मांस के टुकड़े तक बिखेरे गए।
ओवैसी ने नींबू-मिर्ची की प्रथा का मज़ाक उड़ाते हुए समुदाय विशेष के मिर्च को कीमे में डालने को इससे बेहतर बताया। ओवैसी ने कहा, “हम किसी चीज़ को ज़ाया नहीं करते।”
प्रदर्शन में शामिल एक व्यक्ति ने कहा "हमें हमारे पैसे दिलाए जाएं। हमें इससे कोई मतलब नहीं कि कोर्ट या फिर आरबीआई क्या कर रहा है, हमें बस अपने पैसे चाहिए, क्योंकि जितने पैसे मैंने जोड़कर खाते में जमा किए थे वह मैं अब फिर से नहीं कमा सकता।"
दफ्तर में नियम का उल्लंघन होता देख खुद पर 5000 रुपए का जुर्माना लगाने वाले आस्तिक कुमार पांडे पिछले साल विभाग की दीवारों और कोनों में फैली गंदगी को खुद साफ करने के कारण भी चर्चा में आए थे। इस दौरान पान और गुटखे की पीक से रंगी दीवारों को साफ़ करती हुई उनकी तस्वीरें...