मीडिया के कुछ खास वर्गों में अपने पहले से चलाए गए नैरेटिव के अनुसार विशाल जंगोत्रा को अपराधी घोषित करने की कुछ ज़्यादा ही जल्दबाजी थी। द प्रिंट ने तो कोर्ट से पहले ही सभी को अपराधी घोषित करते हुए यह भी बता दिया कि उन्हें इतनी सजा मिली। यहाँ तक कि स्वघोषित फैक्ट चेकर AltNews ने भी उससे असहमत दूसरों पर अटैक करते हुए विशाल जंगोत्रा को अपराधी घोषित कर अपना फैसला सुना दिया।
आज तक ने अखिलेश यादव की भुट्टे का भाव पता करने की इस मार्मिक घटना को सनसनी बनाकर साबित कर दिया है कि मीडिया को अपने केजरीवाल तलाशने के लिए ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं है। वर्तमान राजनीति केजरीवालों से भरी पड़ी है।
नियम यह भी है कि फैक्ट चेकिंग संस्था किसी भी चुनाव में किसी भी कैंडिडेट का सपोर्ट नहीं करेगी और न ही किसी अन्य संस्था, पार्टी का पक्ष लेगी जब तक कि उसका सम्बन्ध सीधे-सीधे किसी फैक्ट चेक से नहीं है।
कुछ ने अपने कई एडिशन बंद किए तो कुछ किसी तरह चुनाव तक अपना एजेंडा इस आस में चलाते रहें कि अगर वो अपने मतलब की सरकार बनवाने में कामयाब हो गए तो शायद उनके वही 'लुटयंस पत्रकारिता' का सुनहरा दौर लौट आए।
राघव बहल के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज किया गया है। आयकर विभाग ने हाल ही में राघव बहल के खिलाफ मेरठ की अदालत में कालाधन निरोधी कानून के तहत आरोपपत्र दाखिल किया था।
कॉन्ग्रेस अकेली पार्टी नहीं है जो मीडिया से भाग रही है। समाजवादी पार्टी ने भी अपने सभी मीडिया पैनलिस्ट का मनोनयन तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है। इसका अर्थ है कि सपा द्वारा जब तक नए पैनलिस्ट के नामों की घोषणा नहीं की जाती, तब तक पार्टी का पक्ष रखने के लिए मीडिया चैनलों पर नेता नहीं जाएँगे।
रुबिका को इस्लाम की सीख देने वालों से भी ऊपर कुछ ऐसे नाम हैं जिनके ट्विटर हैंडल से पता चलता है कि राहुल गाँधी उनके प्रधानमंत्री हैं। महिला सशक्तिकरण को एक जुमला बनाने वाली इस पार्टी के समर्थक रुबिका लियाकत को गैंगरेप की धमकी देते हुए देखे जा सकते हैं।
चौंकाने वाली बात यह है कि राघव बहल के ख़िलाफ़ लन्दन में लगभग 273 करोड़ रुपए (31 मिलियन पाउंड) की संपत्ति ख़रीदने को लेकर आरोप है, जिस पर सरकारी जाँच एजेंसियों की तलवार लटक रही है।
सुनवाई के दौरान विवेक डोभाल ने अपने पिता को लेकर कहा कि उनका पूरा जीवन इस देश के दुश्मनों से लड़ते बीता है, ऐसा कैसे हो सकता है कि वो अपने बेटे को अवैध गतिविधियों को अंजाम देने की अनुमति दे दें। कारवाँ ने अपने लेख में डोभाल परिवार को 'डी कम्पनी' कहा था।