Friday, November 15, 2024

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सरदार पटेल ने रोका, फिर भी ‘चाइना फर्स्ट’ रटते रहे नेहरू: चीन-पाकिस्तान पर भूल जयशंकर ने दिलाए याद, बताया क्यों PM मोदी लेकर आए...

जयशंकर ने कहा कि वर्तमान सरकार भारत प्रथम की नीति पर चल रही है। उन्होंने नेहरू के कश्मीर को संयुक्त राष्ट्र में ले जाने का मुद्दा भी उठाया।

जवाहर, राजीव, राहुल: नेहरू-गाँधी परिवार के पुरुष-स्त्री विदेश की, ये करीबी ‘निजी’ या देश को पड़ी भारी

नेहरू-एडविना के रिश्ते हों या राजीव गाँधी और सोनिया गाँधी की कहानी, या फिर राहुल गाँधी की चीनी महिला राजदूत से नजदीकी, सवाल तो उठने जायज हैं।

सेंसर में अटक गई थी ‘गंगा जमुना’, नेहरू से वाया इंदिरा हुई थी बात: जानिए दिलीप कुमार को क्या देना पड़ा ‘रिटर्न’

हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के सबसे पहले सुपरस्टार दिलीप कुमार ने अपने अदाकारी से नेहरू, इंदिरा गाँधी समेत कई राजनेताओं के दिल में जगह बनाई थी।

‘चंद्रशेखर आजाद की हत्या के लिए नेहरू जिम्मेदार, अंग्रेजों को बताया था उनका ठिकाना’ – विधायक का आरोप

राजस्थान के विधायक मदन दिलावर ने प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि चंद्रशेखर आज़ाद की हत्या में वो भी शामिल थे।

इस बाल दिवस छपरा के भगेरन तिवारी के बेटे और दरभंगा के अभिराम दास को याद कीजिए

नेहरू के खोखलापन के बारे में आरके लक्ष्मण ने 60 साल पहले बता दिया था। पर भगेरन तिवारी के बेटे और अभिराम दास न होते तो हम और आप यह जान भी नहीं पाते कि जन्मस्थान में बाल मूर्ति का होना भी नेहरू को खटकता था।

बहन का, बेटी का, दामाद का… सबका ख्याल रखा नेहरू ने: कॉन्ग्रेस ने विजय लक्ष्मी पंडित पर किया ट्वीट, लोग टूट पड़े

नेहरू की बहन विजय लक्ष्मी पंडित प्री-इंडिपेंडेंट भारत में कैबिनेट पोस्ट रखने वाली एकमात्र भारतीय महिला थीं। लोगों ने इसे नेपोटिज्म बताया।

‘मीरजाफर’ मिलते गए और चाओ-माओ बढ़ते गए: 1949 तक भारत से लगती भी नहीं थी चीन की सीमा

वह असंतोष न चीन के कम्युनिस्टों के हक में होगा और न भारत के वामपंथियों और उनके पोषक कॉन्ग्रेस के। इसलिए, नानजिंग के प्रेसिडेंशियल पैलेस और जनपथ की बेचैनियाँ आज एक सी दिख रहीं।

₹575 करोड़ Pak को और पानी भी: गृहमंत्री और कैबिनेट के खिलाफ जाकर जब नेहरू ने लिया था वो फैसला

उस समय के कैबिनेट मंत्री मोरारजी देसाई ने तो विपक्षी दलों को भी इस संधि के खिलाफ एकसाथ होने की सलाह दे डाली थी। तत्कालीन गृहमंत्री गोविन्द बल्लभ पन्त भी पाकिस्तान को दी जाने वाली इस आर्थिक राशि से नाखुश थे। वो चाहते थे कि इस आर्थिक राशि का उस धन के साथ सामन्जस्य बैठाया जाए, जो हिन्दू शरणार्थी पाकिस्तान में छोड़ कर आ चुके थे।

सत्ता के लिए अधीर कॉन्ग्रेस न मजहब विशेष की चौधरी बन पाई, न नेहरू से निभा पाई

पहले वे जनेऊधारी हिंदू बने। फिर दत्तात्रेय गोत्री। पर जब मौका आया तो कॉन्ग्रेस ने न बहुसंख्यकों की भावना का मान रखा और न देशहित का। तुष्टिकरण के फेर में न वह नेहरू के साथ निभा पाई और न ही उनसे पल्ला छुड़ा पाई।

विभाजन और पाकिस्तान में अल्पसंख्यक: कॉन्ग्रेस के लिए नेहरू और इतिहास से सीखने का वक्त

आज कॉन्ग्रेस CAA का विरोध कर रही है। इसका कोई आधार नहीं है। जरूरत है उसके नेता इतिहास को समझें। नेहरू मंत्रिमंडल में राहत और पुनर्वास के लिए अलग से मंत्रालय था। मोदी सरकार ने उसी प्रक्रिया का सरलीकरण किया है।

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