कॉन्ग्रेस ने भीष्म शर्मा को नज़रअंदाज़ करते हुए शीला दीक्षित को उतार दिया। शीला और भीष्म में पुरानी प्रतिद्वंद्विता है और इसीलिए शीला ने प्रदेश अध्यक्ष का कार्यभार संभालते ही सबसे पहले भीष्म शर्मा पर गाज गिराई। उन्हें 6 वर्षों के लिए पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया।
लेफ्टिनेंट जनरल जेबीएस यादव, लेफ्टिनेंट जनरल आर एन सिंह, लेफ्टिनेंट जनरल एस के पटयाल, लेफ्टिनेंट जनरल सुनीत कुमार, लेफ्टिनेंट जनरल नितिन कोहली, कर्नल आर के त्रिपाठी और विंग कमांडर नवनीत मेगन ने रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की उपस्थिति में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।
कॉन्ग्रेस नेता राधाकृष्णा विखे पाटिल ने विधानसभा के नेता विपक्ष पद से इस्तीफ़ा दे दिया है। कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक चव्हाण ने बताया कि कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने उनके इस्तीफे को मंजूर कर लिया है
उदित राज ने पहले ही बयान देते हुए कहा था कि उन्हें राहुल गाँधी और केरीवाल ने टिकट कटने को लेकर पहले ही आगाह किया था। इससे पता चलता है कि वो शायद पहले से ही आम आदमी पार्टी और कॉन्ग्रेस के साथ संपर्क में थे। उन्होंने कहा कि अब उन्हें ख़ुशी का अनुभव हो रहा है।
"जिस तरह से मेरे पापा इस परिवार के साथ जुड़े थे, उन्होंने अटल जी के साथ काम किया, आज मैं मोदी जी के साथ जुड़ रहा हूँ। आज मोदी जी ने जिस तरह से पाँच सालों में काम किया है, इसलिए मैं चाहता हूँ कि अगले पाँच साल तक मोदी जी ही पीएम रहें। क्योंकि हम विकास चाहते हैं।"
चतुर्वेदी ने कहा कि उन्हें पता है कि वह अपने विचारों के लिए जवाबदेह होंगी। जब वह कॉन्ग्रेस की प्रवक्ता थीं, तब उन्होंने भाजपा के साथ-साथ शिवसेना के खिलाफ अपमानजनक बातें की थीं, लेकिन यह शिवसेना में शामिल होने से पहले बहुत पहले की बात है।
प्रियंका चतुर्वेदी ने लिखा कि उनकी पार्टी मेहनती कार्यकर्ताओं की बजाय गुंडों को तरजीह दिए जाने से वह दुखी हैं। उन्होंने पार्टी के लिए हर तरफ से गालियाँ झेलीं पर यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पार्टी के भीतर ही उन्हें धमकाने वाले मामूली कार्रवाई के भी बिना बच निकलते हैं।
पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री शकील अहमद ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर पार्टी को सांसत में डाल दिया है। मधुबनी से 2 बार सांसद रहे शकील के बग़ावती तेवर से कॉन्ग्रेस को क्षेत्र में अच्छा-ख़ासा घाटा होने की उम्मीद है।
कॉन्ग्रेस पार्टी ने यह कदम नेताओं के पार्टी लाइन के खिलाफ जाने पर उठाया है। राज्य में गठबंधन की घोषणा के बाद मंड्या लोकसभा सीट के JDS के खाते में जाने के बाद से यहाँ उठापठक थमने का नाम नहीं ले रही है। कॉन्ग्रेस के स्थानीय नेताओं में इस सीट के JDS के खाते में जाने को लेकर बहुत असंतोष व्याप्त है।
चंद्रशेखर का कॉन्ग्रेस को समर्थन देना दिखाता है कि वह केवल खुद को दलितों का हितैषी बताकर समाज में एक जाना-माना चेहरा बनकर उभरना चाहते थे। अब जबकि अस्पताल में भर्ती होने पर राज बब्बर और प्रियंका गाँधी जैसे बड़े लोग उनका हाल लेने पहुँच रहे हैं तो वो दलितों के मुद्दों को दरकिनार करके सिर्फ़ अपनी राजनीति साध रहे हैं।