शाहरुख ने सोमवार को मौजपुर-जाफराबाद सड़क पर ताबड़तोड़ कई राउंड फायर किए थे। उसने करीब 8 राउंड फायर किए। इस दौरान एक पुलिसवाले ने उसे रोकने की काफी कोशिश की लेकिन वो नहीं रूका और फायर करते रहा।
खम्भात स्थित आनंद जिले के कार्यवाहक पुलिस अधीक्षक दिव्य मिश्रा ने बताया है कि रविवार को अकबरपुरा इलाके में दोनों समुदायों के बीच 24 जनवरी के दंगे को लेकर मौखिक बहस शुरू हो गई, जो आपस में मारपीट और पथराव में बदल गई।
SIT की रिपोर्ट में कहा गया कि ट्रेन में सफर कर रहे सिख यात्रियों की ट्रेन और रेलवे स्टेशनों पर हमला करने वाले लोगों द्वारा हत्या किए जाने के पाँच मामले थे।
पीरजादा वांकानेर से और जोशी जूनागढ़ से विधायक हैं। 2008 में 1500 लोगों की भीड़ की अगुवाई करते हुए उसे हिंसा के लिए उकसाया था। इस मामले में जिन लोगों को सजा सुनाई गई है, उनमें कॉन्ग्रेस के एक पूर्व विधायक और अन्य नेता भी हैं।
आपके पास विकल्प दो ही हैं: डर कर रहिए या सवाल पूछना शुरू कीजिए। सवाल नहीं पूछेंगे कि तुम्हें 'हिन्दुत्व' को फक करने का विचार क्यों आता है, तो ये कल आपकी बहू-बेटियों को छेड़ने से भी नहीं हिचकिचाएँगे। अगर कोई ‘हिन्दुओं से आजादी', ‘हिन्दुत्व की कब्र खुदेगी', 'फक हिन्दुत्व' बोल कर और लिख कर खुले आम टहल रहा है, तो...
स्थानीय नेता आशु खान, मुस्तफा और हैदर का नाम भी एफआईआर में है। सीवाईएसएस के नेता कासिम उस्मानी, AISA के चंदन और एसआईओ के आसिफ तन्हा को भी आरोपी बनाया गया है।
नानावती-मेहता आयोग की फाइनल रिपोर्ट में 59 कारसेवकों को जलाए जाने के बाद राज्य में भड़की हिंसा को सुनियोजित हिंसा नहीं माना गया। आयोग ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली तत्कालीन गुजरात सरकार को अपनी रिपोर्ट में क्लीन चिट दी है।
गुजरात दंगों में कई ऐसे लोगों को फँसाया गया, जो बाद में निर्दोष साबित हुए। लेकिन तब तक उनकी ज़िंदगी, उनका परिवार और करियर- सब तबाह हो चुका था। शशिकांत को निजी खुन्नस में फॅंसाया गया और बाद में हर्ट अटैक से उनकी मौत हो गई।
मुझे यह कोई समझा दे कि भारत में 'पाकिस्तान मुर्दाबाद' का नारा क्यों नहीं लगेगा? किसी कट्टरपंथी को इस नारे से आपत्ति क्यों है? तुम्हारे सामने अगर कोई 'पाकिस्तान मुर्दाबाद' कहता है, तो तुम इकट्ठा हो कर, पत्थर मारने की जगह 'हिन्दुस्तान जिंदाबाद' क्यों नहीं कहते?
हत्या से जुड़े 10, सामूहिक बलात्कार के 4 और दंगों के 26 मामलों के आरोपितों को अदालत ने बेगुनाह माना। सरकारी वकील के हवाले से बताया गया है कि अदालत में गवाहों के मुकरने के बाद अब राज्य सरकार रिहा आरोपितों के संबंध में कोई अपील नहीं करेगी।