खुफिया एजेंसियों ने जैश-ए-मोहम्मद के 8 से 10 आतंकियों वाले एक मॉड्यूल को लेकर अलर्ट जारी किया है। आशंका है कि ये आतंकी भारतीय वायु सेना के ठिकानों को तबाह करने के लिए जम्मू-कश्मीर के आसपास आत्मघाती हमले को अंजाम देने की कोशिश कर सकते हैं।
बीते साल इसी तरह पेरिस में अज्ञात हमलावरों ने आम लोगों को निशाना बनाया था। बाद में इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने ली थी। 2017 में मिलान के ही रेलवे स्टेशन पर सेना और रेलवे पुलिस के अधिकारियों पर भी हमले हुए थे।
पत्र में रोहतक जंक्शन, रेवाड़ी, हिसार, कुरुक्षेत्र, मुंबई सिटी, बंगलुरू, चेन्नई, जयपुर, भोपाल, कोटा, इटारसी रेलवे स्टेशनों और राजस्थान, गुजरात, तमिलनाडु, एमपी, यूपी व हरियाणा सहित छह राज्यों के मंदिरों को निशाना बनाने की बात कही गई है।
65 वर्षीय गुलाम मोहम्मद जब रात में अपनी दुकान बंद कर रहे थे, तभी कुछ लोग मोटरसाइकिल पर आए और उन पर ताबड़तोड़ गोलियाँ चला दी। उन्हें तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहाँ इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।
खुफिया रिपोर्टों के मुताबिक संदिग्ध केरल से बेंगलुरु में दाखिल हुए हैं और माना जा रहा है कि वे शहर के 'धार्मिक स्थानों' में छिपे हो सकते हैं। आतंकी हमले को लेकर इंटेलीजेंस इनपुट मिलने के बाद बेंगलुरु पुलिस ने हाई अलर्ट घोषित किया है।
शिकंजा कसने पर जेएमबी ने कुछ समय के लिए अपनी गतिविधियाँ बंद कर दी थी। लेकिन सलाउद्दीन अहमद और जहीदुल इस्लाम की अगुवाई में वह दोबारा पैर पसारने लगा है और अपने नापाक मंसूबों को पूरा करने की फिराक में है। हाल ही में भारत सरकार ने जेएमबी को प्रतिबंधित किया है।
इस साल मई के महीने में नागालैंड के मोन जिले के अंतर्गत असम राइफल्स 40 रेजिमेंट के जवानों के पर उग्रवादियों ने घात लगाकर हमला कर दिया था। इसके बाद दोनों तरफ से ताबड़तोड़ गोलियाँ चली थी। इस हमले में असम राइफल्स के 2 जवान शहीद हो गए थे।