आईएस सरगना बगदादी इराक के समारा की एक मस्जिद में मौलवी था। जब तक बगदादी की कोई ख़बर नहीं मिलती, तब तक आईएस को लेकर डर बना रहेगा। आईएस से जुड़े कई आतंकी भारत में भी पकड़े गए थे। एनआईए ने आईएस से जुड़े एक मॉड्यूल का पर्दाफाश भी किया था।
एक रोती हुई माँ, बाहर विनती करता पूरा परिवार, मौलवियों-उलेमाओं द्वारा मस्जिद के लाउडस्पीकर से आग्रह, सुरक्षा बलों द्वारा नागरिकों को बचाने की कोशिश, इन सबके बीच आतंकियों ने कुछ ऐसा किया जो उनसे सहानुभूति रखने वालों की पोल खोल देगा।
पाकिस्तान भी अपना नेशनल डे उसी तर्ज पर मनाता है। 23 मार्च 1940 को ऑल इंडिया मुस्लिम लीग द्वारा लाहौर प्रस्ताव पास किया गया था जिसमें भारत के उत्तर पश्चिमी और पूर्वी भाग के मुस्लिम बहुल क्षेत्रों के लिए अलग स्वायत्त राज्य की मांग की गई थी।
इमरान खान का ये बयान ऐसे वक्त आया है, जब पाकिस्तान पर मोदी सरकार द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंक के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं किए जाने का दबाव बनाया जा रहा है। हाल ही में अमेरिकी सचिव माइकल आर पोम्पिओ ने भी भारत में हुए पुलवामा हमले को लेकर चेतावनी देते हुए कहा कि अगर दूसरी बार भारत में आतंकी हमला हुआ तो पाकिस्तान के लिए काफी दिक्कत हो सकती है।
CPEC के बुनियादी ढांचे पर चीन ने बहुत बड़ा निवेश किया है। इस निवेश की आड़ में चीन, पाकिस्तानी ख़ुफिया एजेंसी (ISI) और जैश को अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा प्रदान करता है। इसके बदले में उसे अपने प्रोजेक्ट में किसी भी तरह के आतंकवादी हमला न होने की गारंटी मिलती है।
ब्रेनटेन टैरेंट नाम के इस आरोपित ने अपना एक 74 पेज का घोषणापत्र जारी किया था, जिसमें उसने अपनी सोच, उद्देश्य व हमले के कारण लिखे थे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वह करीब 2 साल से हमले की तैयारी कर रहा था
आतंकवादी बुरहान वानी के प्रति उसके नाम की वजह से सहानुभूति रखकर उसे एक हेडमास्टर का बेटा बताने वाली बरखा दत्त कल से एक क्रांतिकारी अभियान पर हैं। बरखा दत्त किसी भी शर्त पर चाहती हैं कि आरोपित ब्रेनटेन टैरेंट को आतंकवादी घोषित किया जाए।
इस हमले पर कल से हर कोई शोक मना रहा है जो दर्शाता है कि मानवता अब भी लोगों में बरकरार है। लेकिन शायद तथाकथित लिबरलों को इससे कोई लेना-देना नहीं हैं। तभी उन्होंने इस ऐसे मामले पर भी अपना एंगल मेंटेन कर लिया।