Wednesday, September 18, 2024

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जवाहरलाल नेहरू

मैं देश के साथ विश्वासघात नहीं करूँगा: अनुच्छेद 370 पर जब अम्बेडकर ने लगाई अब्दुल्ला की क्लास

जवाहरलाल नेहरू शेख अब्दुल्ला के साथ मिल कर जम्मू कश्मीर को सेकुलरिज्म का एक नया मॉडल बनाना चाहते थे और इसके लिए अब्दुल्ला को अम्बेडकर को मनाने को कहा। लेकिन अम्बेडकर ने अब्दुल्ला को जो जवाब दिया, उसे आपको जानना ज़रूरी है।

नेहरू के पैर की धूल भी नहीं शिवराज, उन्हें शर्म आनी चाहिए: दिग्विजय सिंह

कश्मीर का हवाला देते हुए शिवराज सिंह चौहान ने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को अपराधी बताया। इसी पर पलटवार करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान जवाहरलाल नेहरू के पैर...

लद्दाख का हीरो: बीजेपी सांसद का भव्य स्वागत, Article 370 पर विरोधियों को कर दिया था बेनकाब

नामग्याल ने कहा था कि लद्दाख के लोगों ने शुरू से ही सरकार को बता दिया था कि उन्हें कश्मीर के अलावा किसी भी और तरीके से देश में रहना मंज़ूर है- भले ही वह केंद्र-शासित प्रदेश (UT) के रूप में हो।

शास्त्री जी के समय कॉन्ग्रेस नेताओं ने की थी 370 हटाने की वकालत, अपना ही इतिहास भूली पार्टी

'ज़मीन के भाव बढ़ जाएँगे तो स्थानीय लोगों को घाटा होगा'- नेहरू ने क्यों कहा था ऐसा? पढ़िए तत्कालीन गृहमंत्री गुलजारी लाल नंदा का बयान। कौन थे अनुच्छेद 370 हटाने वाला बिल लेकर आने वाले प्रकाश शास्त्री जो बाद में एक ट्रेन दुर्घटना में मारे गए?

इंदिरा के दुलारे जगमोहन कश्मीर के गुनहगार तो नेहरू-राजीव मसीहा कैसे?

जगमोहन को कसूरवार बताना कॉन्ग्रेस के लिए जरूरी भी है, क्योंकि इससे नेहरू से लेकर राजीव तक के बेतुके फैसलों पर पर्दा डल जाता है। इस कोशिश में बड़ी सफाई से यह बात छिपाई जाती है कि कुछ परिवारों की गलती से बदतर हुए हालात पर काबू पाने के लिए जगमोहन दूसरी बार श्रीनगर भेजे गए थे।

छत्तीसगढ़ में कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं ने होर्डिंग्स से ढक दी नेहरू की प्रतिमा

होर्डिंग प्रदेश कॉन्ग्रेस कमेटी के नवनियुक्त अध्यक्ष मोहन मरकाम के स्वागत में लगाया गया था। प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद मरकाम पहली बार यहाँ आ रहे हैं।

कश्मीर की स्थायी समस्या जवाहरलाल की ग़लतियों का परिणाम, नेहरू को Thank You बोलिए सुरजेवाला जी

अगर इस मामले को नेहरू द्वारा संयुक्त राष्ट्र में ले जाने की बजाए सेना को पूरे कश्मीर पर फिर से क़ब्ज़ा करने की अनुमति दे दी जाती तो आज इतिहास कुछ और ही होता। जबकि हुआ ये कि संयुक्त राष्ट्र ने संघर्ष विराम की बात कह डाली और तभी से कश्मीर मुद्दा एक खुला घाव बन कर रह गया है।

‘अगर चंद्रयान नेहरू की देन, तो अमेरिका को चाँद पर हिटलर ने भेजा’

बकौल रंगनाथन, अगर कॉन्ग्रेस चंद्रयान-2 का श्रेय नेहरू को देना चाहती है तो ऐसे तो अमेरिका के मानव को चन्द्रमा पर भेजने का श्रेय भी हिटलर को जाएगा।

चंद्रयान-2: ‘नेहरू ने चाँद की खोज की… या चाँद ने खुद नेहरू को खोजा’

कॉन्ग्रेस के इस पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर सक्रिय यूजर्स उनका जमकर मजाक उड़ा रहे हैं। पुराने समय की तस्वीरे पोस्ट की जा रही है और याद दिलाया जा रहा है कि गाँधी परिवार के राज में मिसाइल का सामान किस तरह साइकिल पर जाता था जबकि नेहरू परिवार एरोप्लेन में सफर करता था।

कॉन्ग्रेस और मजहब विशेष के अवैध प्रवासियों की प्रेम कहानी: नेहरू से ‘गाँधी’ तक तुष्टिकरण का चरम

30 सालों से अटके हुए काम को मोदी सरकार ने 5 साल में पूरा किया। अगर मोदी सरकार वापस न आती तो शायद एनआरसी की फाइनल रिपोर्ट की संभावना ही न होती।

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