Monday, December 23, 2024

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राहुल गाँधी

राहुल की चुनावी चाल: गरीब परिवार को ₹72000 सलाना, 5 करोड़ फैमिली और 25 करोड़ आबादी को डायरेक्ट फायदा

जिन परिवारों की आय 12,000 रुपए से कम है, उन्हें हर महीने 12,000 रुपए तक की आमदनी पर ले जाना है - शर्त यही है कि अगर उनकी पार्टी मतलब कॉन्ग्रेस लोकसभा चुनाव में जीतेगी, मतलब राहुल गाँधी पीएम बनेंगे, तभी यह वादा पूरा होगा।

‘मेड इन xxx’ से फँसी कैसेट, ‘अमेरिका के सिनेमा हॉल में लोग बिहार का मखाना खाएँगे’ पर पहुँची है

इससे पहले भी राहुल गाँधी ऐसे हवाई वादे कर चुके हैं। इधर से आलू डालिये उधर सोना निकलेगा टाइप। पता नहीं राहुल गाँधी खुद नहीं समझ पा रहे या जानबूझकर ऐसे हवाई वादे कर रहे हैं, जिसके पूरा होने की संभावना शुरू से ही नहीं दिख रही।

इज्जत बचाने के लिए ‘सर, साउथ से चुनाव लड़िए ना’ वाला माहौल बना रहे हैं राहुल गाँधी

रचनात्मकता की सभी हदें पार करते हुए राहुल गाँधी की इस पारिवारिक पार्टी के सदस्यों को उनसे ये रिक्वेस्ट करते हुए भी दिखाया गया है कि राहुल गाँधी को इस बार अमेठी नहीं, बल्कि केरल की किसी सीट से चुनाव लड़ना चाहिए।

अब, राहुल गाँधी विकास के मॉडल हैं: रविशंकर प्रसाद ने कॉन्ग्रेस अध्यक्ष की आय पर उठाए सवाल

केंद्रीय मंत्री ने राहुल गाँधी से पूछा, “क्या आपने यूनिटेक से दो संपत्ति खरीदी हैं? भाजपा आज पूछ रही है कि क्या आपने यूनिटेक से दो सम्पत्तियाँ खरीदी हैं।"

राहुल की रैली में चली कुर्सियाँ; अध्यक्ष जी ने कहा, हमारी सरकार आने दो तब चलेगा पता

रैली से पहले कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं ने जमकर बवाल काटा और भारी उत्पात मचाया। इस बवाल के दौरान रैली स्थल पर जमकर कुर्सियां फेंकी गईं और नेताओं के लिए लगी VIP बैरिकेडिंग भी तोड़ दी गई।

Video: 10 सालों में राहुल गाँधी की आय 1600% कैसे बढ़ी? FTIL और Unitech से क्या है सम्बन्ध?

क्या प्रियंका गाँधी वाड्रा 2019 में चुनाव इसलिए नहीं लड़ रही हैं, क्योंकि चुनाव शपथ पत्र में ये सारी बातें बाहर आ जाएँगी?

राहुल गाँधी की आय के चमत्कारिक साधन और घोटालों में आरोपित FTIL और Unitech से सम्बन्ध

2004 के चुनावी हलफनामे में, राहुल गाँधी ने अपनी कुल संपत्ति 55,38,123 घोषित की थी। उनकी देनदारियाँ शून्य थीं। 2009 में, राहुल गाँधी ने दिल्ली के मेट्रोपॉलिटन मॉल साकेत में 2 दुकानें खरीदीं। 1,63,95,111 रुपए में यह पैसा कहाँ से आया? इस आय का स्रोत क्या था?

कॉन्ग्रेस पार्टी को पाकिस्तान से राष्ट्रवाद के मायने सीखने चाहिए

क्या तुमको सोनिया गाँधी से लगाव है, क्या तुमको राहुल गाँधी से प्रेम है, या फिर प्रियंका वाड्रा से मोहब्बत है? अगर ऐसा है भी तो उसका एक सपाट कारण बता दो कि इन लोगों का देश, समाज और अर्थव्यवस्था में क्या योगदान है जो तुम इन पर अपनी जान न्यौछावर करते हो?

कॉन्ग्रेस का RSS ज्ञान ‘किसी ने कहा है’ से शुरू होकर लड़कियों के निकर पर ख़त्म होता है

आज के समय में कॉन्ग्रेस पार्टी की सबसे बड़ी त्रासदी ये है कि उनके सबसे वरिष्ठ और 'कद्दावर पार्टी अध्यक्ष' का NDA सरकार को घेरने के लिए सबसे बड़े सबूत फोटोशॉप्ड तस्वीरें और ''किसी ने कहा है" होते हैं।

देशहित में कॉन्ग्रेस को वोट देकर 10% सीटें जिताइए, आपको राफेल की कसम है

जैसे शेयरिंग सवारियाँ ढोने वाला ऑटो ड्राईवर, आवश्यकतानुसार ट्रैफिक पुलिस वाले की मुट्ठी गर्म कर देता है, और प्रभु का तीसरा नेत्र भी इस दुर्लभ संयोग को देखने से वंचित रह जाता है। वैसे ही मोदी ने बंद मुट्ठी करके ₹15 हजार करोड़ के दो स्पेशल नोट जूनियर अम्बानी की जेब में डाल दिया होगा।

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