शाहरुख़ टिक-टॉक पर वीडियो बनाता और मॉडल बनना चाहता था। उसने दो साल पहले अपने एक दोस्त से पिस्टल ख़रीदी थी। पूछताछ के दौरान उसने बताया है कि वो बस रौब झारने के लिए पिस्टल का इस्तेमाल किया करता था और उसने इसीलिए इसे ख़रीदा था।
"हम वादा करते हैं। 24 फरवरी को जब डोनाल्ड ट्रम्प भारत आएँगे तो हम उनको बताएँगे कि हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री और यहाँ की सरकार देश को बाँटने का काम कर रही है । हम उन्हें बताएँगे कि हिंदुस्तान की जनता यहाँ की सरकार के ख़िलाफ़ लड़ रही है।"
नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में कैसे और कब क्या हुआ, ये सब हम आपके समक्ष लाए हैं। इस दंगों के मुख्य किरदार कौन हैं और मीडिया ने कैसे पक्षपाती रवैया अपना कर पीड़ित हिन्दुओं के साथ अन्याय किया, ये सब यहाँ आपको हम बताएँगे। पूरे प्रकरण की क्रोनोलॉजी समझिए, टाइमलाइन जानिए।
इस विडियो में आप देख सकते हैं कि किस तरह 'NO NRC, NO CAB' लिखी हुई दुकानें आगजनी से बच जाती हैं और ठीक उनके बगल में मौजूद हिन्दुओं की दुकानें जिन पर ऐसा नहीं लिखा होता चुन-चुन कर फूँक दी जाती हैं। ऐसा एक जगह नहीं, कई इलाक़ों में हुआ।
दंगाई भीड़ पूरी तैयारी के साथ आई थी। कुछ ने हेलमेट पहन रखे थे। कइयों ने अपना चेहरा छिपा रखा था। विकास ने बताया कि जब मुस्लिम भीड़ वापस चली गई, तब घायल हिन्दुओं को अस्पताल ले जाया जा सका।
अंकित शर्मा को दंगाई घसीटकर ताहिर के घर में ले गए थे और उनकी निर्मम हत्या कर दी थी। उनका शव नाले से बरामद किया गया था। उन्हें 400 से ज्यादा बार चाकुओं से गोदा गया था।
एक हिन्दू का स्कूल है, एक दूसरे मजहब का। एक को जला कर ख़ाक कर दिया गया, दूसरे को दंगाइयों ने हमले का 'बेस' बनाया। राजधानी स्कूल की छत से दंगाई भीड़ ने आसपास के हिन्दू घरों, दुकानों, गाड़ियों, लोगों को नुकसान पहुँचाया। साथ ही बगल के डीआरपी स्कूल को जला डाला।
रतनलाल का परिवार बिलकुल अकेला है। पत्नी पूनम, 2 मासूम बेटियाँ और एक बेटा को छोड़ गए वो। उनकी माँ और छोटा भाई दिनेश भी उन पर आश्रित थे। पिता बृजमोहन का तो ढाई साल पहले ही देहांत हो चुका है। अब ऐसे में आखिर उनका घर चलाने वाला है ही कौन?
अलीगढ़ में CAA विरोधियों ने जमकर हिंसा की थी। इस दौरान दंगाइयों ने लोगों के घर में घुसने की कोशिश की। इस घटना के बाद दहशत में बाबरी मंडी इलाके में रहने वाले कई हिंदू अपना घर बंद कर जा चुके हैं।
मंदिर पर कब्ज़ा करने के साथ-साथ आसपास के घरों पर भी मुस्लिम भीड़ ने कब्ज़ा कर लिया। इसके बाद मंदिर की छत से हिन्दुओं पर पत्थरबाजी शुरू हो गई। साथ ही ताहिर हुसैन की इमारत की छत से भी पत्थरबाजी हो रही थी।