Friday, May 16, 2025
Homeव्हाट दी फ*यौन सुख पाने के लिए लिंग में घुसा ली 3 बैटरी, न निकलने पर...

यौन सुख पाने के लिए लिंग में घुसा ली 3 बैटरी, न निकलने पर हुई हालात खराब: डॉक्टरों ने काट कर निकाला, 3 स्टेज में होगा प्राइवेट पार्ट रिपेयर

ऑस्ट्रेलिया में एक 73 साल के बुजुर्ग ने यौन सुख पाने के लिए अपने लिंग में बटन के साइज वाली बैटरियाँ घुसा लीं। लेकिन बाद में वह उसे निकाल नहीं पाया और हालत बद्तर हो गई।

ऑस्ट्रेलिया से हैरान करने वाली घटना सामने आई है। खबर है कि वहाँ एक 73 साल के बुजुर्ग ने यौन सुख पाने के लिए अपने लिंग में बटन के साइज वाली बैटरियाँ घुसा लीं। लेकिन बाद में वह उसे निकाल नहीं पाया और हालत बद्तर हो गई। बाद में डॉक्टरों ने उसका ऑपरेशन किया।

ये घटना चूँकि ऑस्ट्रेलिया की पहली घटना है इसलिए इस पर मेडिकल स्टडी यूरोलॉजी केस रिपोर्ट में प्रकाशित हुई है। स्टडी में मरीज का नाम नहीं डाला गया है। लेकिन बताया गया है कि आखिर उसने यौन सुख पाने के लिए क्या किया।

मीडिया रिपोर्ट्स में आई जानाकरी के अनुसार, 73 वर्षीय बुजुर्ग अपने प्राइवेट पार्ट में यौन संतुष्टि के लिए अलग-अलग चीजें डालता था। एक दिन उसने कुछ अलग प्रयोग करने के क्रम में अपने पेनिस में बटन साइज वाली बैटरियाँ डाल लीं। लेकिन बाद में वह उन्हें निकाल नहीं पाया और दर्द से तड़पता रहा।

तस्वीर साभार: न्यू यॉर्क टाइम्स

24 घंटे पीड़ा सहने के बाद उसने इस संबंध में डॉक्टरों से मदद माँगी। तब तक उसका पेशाब बंद हो गया था। डॉक्टरों ने उसकी गंभीर हालत देखते हुए तुरंत सर्जरी करके बैटरी को बाहर किया, जो कि काले तार जैसे पदार्थ से लिपटी हुई थीं। डॉक्टरों ने कहा कि यदि उसका समय पर इलाज न होता तो उसके शरीर के टिशू बिलकुल नष्ट हो जाते। इससे उसकी मौत भी हो सकती थी।

सर्जरी के बाद बुजुर्ग खतरे से तो बाहर आ गया लेकिन उसकी परेशानियाँ नहीं कम हुईं। 10 दिन तक उसके पेनिस में सूजन रही और कुछ अजीब सा डिस्चार्ज उसके पेनिस से होता रहा। डॉक्टरों ने उसकी हालत देखी तो फिर उसका ऑपरेशन किया। इस दफा उसके लिंग की खाल पर चीरा मारा गया तब जाकर वो सारी पस निकलकर बाहर आई।

अध्य्यन के अनुसार डॉक्टरों को डर था कि कहीं व्यक्ति को नेक्रोसिस न हो जाए, जो कि सच हुआ। अंत में डॉक्टरों को इलाज के लिए व्यक्ति के यूरेथ्रा को हटाना पड़ा। अब पेनिस को दोबारा से रिकंस्ट्रक्ट करने पर 3 चरण में सर्जरी करनी पड़ेगी और यही सबसे अच्छा निर्णय होगा।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

कश्मीर में झेलम के अधूरे तुलबुल प्रोजेक्ट को लेकर भिड़े उमर अब्दुल्ला और महबूबा, खेलने लगे ‘इस पार और उस पार’ का खेल: सिंधु...

उमर अब्दुल्ला ने महबूबा के आरोपों को 'सस्ता प्रचार' करार देते हुए कहा कि वह बहस को 'गटर' के स्तर पर नहीं ले जाएँगे।

’43 रोहिंग्या औरतों-बच्चों-बुजुर्गों को समंदर में फेंक दिया’: सुप्रीम कोर्ट ने पूछा- किसने देखा, कहाँ है सबूत? वकील से कहा- देश में इतना कुछ...

जस्टिस सूर्या कांत ने वकील से सख्त लहजे में कहा, "हर दिन आप नई-नई कहानी लेकर आते हैं। इस कहानी का आधार क्या है? कोई सबूत तो दिखाइए।"
- विज्ञापन -