Thursday, April 24, 2025
Homeव्हाट दी फ*शिमला मिर्च के बॉक्स उठा रहा था रोबोट, फैक्ट्री वर्कर को भी समझ लिया...

शिमला मिर्च के बॉक्स उठा रहा था रोबोट, फैक्ट्री वर्कर को भी समझ लिया डब्बा: उठाकर छाती-चेहरा मसल दिया, मौत

साउथ कोरिया से मामला सामने आया है कि जहाँ एक फैक्ट्री वर्कर रोबोट के सेंसर चेक करने गया था। लेकिन रोबोट ने उसी वर्कर को डब्बा समझकर उठाया और एक जगह रखकर उसे कुचल डाला। घटना की जानकारी होते ही वर्कर को अस्पताल ले जाया गया लेकिन वहाँ उसकी मौत हो गई।

साउथ कोरिया में एक व्यक्ति को रोबोट ने कुचलकर मार डाला। कथिततौर पर रोबोट इंसान और सब्जी के डब्बे में फर्क नहीं समझ पाया। उसने डब्बे की जगह इंसान को उठाया और फिर उसे डब्बे की तरह दबा दिया। प्रेशर इतना ज्यादा था कि व्यक्ति का चेहरा और छाती दोनों कुचल गए।

योनहॉप न्यूज एजेंसी द्वारा साझा की गई खबर के हवाले से बताया गया कि व्यक्ति रोबोटिक्स कंपनी में ही वर्कर था। घटना के वक्त उसे साउथ ग्योंगसैंग प्रांत के कृषि उपज के एक वितरण केंद्र पर रोबोट का सेंसर ऑपरेशन चेक करने को भेजा गया था।

वहाँ इंडस्ट्रियल रोबोट शिमला मिर्च के डब्बे उठाकर पैलेट पर रखने का काम कर रहा था। उसी दौरान बताया जा रहा है मशीन में कुछ खराबी आई और रोबोट ने इंसान को ही शिमला मिर्च का बॉक्स समझ लिया और फिर उसका ऊपर हिस्सा पूरा कन्वेयर बेल्ट से पकड़कर नीचे की ओर दबा दिया। इसमें वर्कर की छाती और चेहरा दोनों मसल गए।

घटना के बाद वर्कर को अस्पताल लेकर जाया गया लेकिन इलाज से पहले उसकी मौत हो गई।

बता दें कि साउथ कोरिया से आने वाला इस साल का ये दूसरा मामला है। इसी वर्ष मार्च में एक दक्षिण कोरियाई व्यक्ति को ऑटोमोबाइल पार्ट्स विनिर्माण संयंत्र में काम करते समय रोबोट द्वारा जकड़ लिए जाने के बाद गंभीर चोटें आई थीं।

उल्लेखनीय है कि इस घटना के बाद से सोशल मीडिया पर ये बहस दोबारा से होने लगी है कि क्या वाकई कार्यस्थलों पर इंसानों की जगह कभी मशीन ले सकती है? लोगों का इस घटना का उदाहरण देते हुए ये कहना है कि ये फर्क होता है वास्तविक बुद्धिमत्ता और मशीनी बुद्धिमत्ता में।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

यूँ ही अडानी के पीछे नहीं पड़ा था हिंडनबर्ग, राहुल गाँधी के अंकल सैम पित्रोदा का हाथ होने का रिपोर्ट में दावा: मोसाद ने...

हिंडनबर्ग के हमले का जवाब देने में गौतम अडानी की मदद मोसाद और इजरायली प्रधानमन्त्री नेतन्याहू ने की थी। इसके चलते हिंडनबर्ग पर ताला पड़ गया।

मेरा नाम ‘भारत’ है… सुनते ही इस्लामी आतंकियों ने पत्नी और 3 साल के बेटे के सामने मार दी गोली, पहलगाम में सुशील की...

पहलगाम में आतंकियों ने लोगों से उनका धर्म पूछा और कुछ लोगों से कलमा पढ़ने को कहा। वो हिंदू मिले और जो कलमा नहीं पढ़ सके उन्हें गोली मार दी।
- विज्ञापन -