Saturday, May 25, 2024
Homeराजनीतिछिनतई का है कॉन्ग्रेस का इरादा, पार्टी नेता मनीष तिवारी ने भी किया कन्फर्म:...

छिनतई का है कॉन्ग्रेस का इरादा, पार्टी नेता मनीष तिवारी ने भी किया कन्फर्म: कहा- सबमें बँटेगा… खतरे से पहले ही आगाह कर चुके हैं PM मोदी

ध्यान देने योग्य बिंदु यह है कि कॉन्ग्रेस अपने वादों में गरीबों को मेहनत के बल पर उनकी स्थिति सुधारने पर बात नहीं कर रही, बल्कि अगर कोई व्यक्ति मेहनत के दम पर अमीर हुआ है तो उसकी संपत्ति का हिस्सा लेकर दूसरों को देने के लिए कह रही है ताकि सब एक बराबर गरीब हो सकें।

कॉन्ग्रेस देश के लोगों की संपत्ति लेकर दूसरों को बाँटने के अपने प्लॉन पर अडिग है। हाल में इस बात की पुष्टि कॉन्ग्रेस नेता मनीष तिवारी के एक्स पोस्ट से भी हुई। अपने पोस्ट में मनीष तिवारी ने कहा कि वो अमीरों से उनके पैसे लेकर गरीबों को अमीर बनाएँगे। उन्होंने कहा है कि वो देश की 1 फीसद जनता को देश की 77% संपत्ति कब्जा नहीं करने देंगे।

ध्यान देने योग्य बिंदु यह है कि कॉन्ग्रेस अपने वादों में गरीबों की स्थिति सुधारने की बात जॉब देने के वादे करके नहीं कर रही, बल्कि अगर कोई व्यक्ति मेहनत के दम पर अमीर हुआ है तो उसकी संपत्ति का हिस्सा लेकर दूसरों को देने के लिए कह रही है ताकि सब एक बराबर गरीब हो सकें।

अपने पोस्ट में मनीष तिवारी ने ‘थरूर’ स्टाइल में अंग्रेजी लिखी। अपने पोस्ट में उन्होंने चैबोल (Chaebol) और ओलीगार्चीज (Oligarchies) जैसे शब्द प्रयोग किए। इनमें चैबोल का अर्थ कोरियाई भाषा में होता है कि संपत्ति जिसका स्वामित्व आमतौर पर एक परिवार के पास होता है। वहीं ‘ओलिगार्की’ (Oligarchy) सामाजिक संगठन का वह स्वरूप है जिसमें राजनीतिक शक्ति मुख्य रूप से धनवान अभिजात्य वर्ग के हाथों में होती है।

तिवारी ने कॉन्ग्रेस पार्टी की यह मंशा पॉलिटिकल कमेंटेटर तुषार गुप्ता के ट्वीट पर जाहिर की। तुषार गुप्ता ने कॉन्ग्रेस का मेनिफेस्टो शेयर करके 28वें पृष्ठ पर 21 बिंदु पर गौर कराया था जिसमें कॉन्ग्रेस ने लिखा था, “हम नीतियों में उपयुक्त बदलावों के माध्यम से धन और आय की बढ़ती असमानता को सही करेंगे।” इसी ट्वीट पर मनीष तिवारी ने अपना जवाब दिया।

जिसके बाद तुषार गुप्ता ने उन्हें जवाब में कहा कि अगर कॉन्ग्रेस के प्लान के मुताबिक चीजें चलती हैं तो 1 फीसद की श्रेणी में कॉन्ग्रेस नेता मनीष तिवारी खुद भी आएँगे। लोकसभा चुनाव 2019 में जमा कराए गए हलफनामे के अनुसार मनीष तिवारी 15 करोड़ रुपए की संपत्ति के मालिक हैं।

वहीं ऑपइंडिया से बात करते हुए भी तुषार गुप्ता ने कहा कि अगर कॉन्ग्रेस मेनिफेस्टो के पेज नंबर 28 के प्वाइंट नंबर 21 का अर्थ ये है कि हर किसी को संपत्ति से बराबर पैसा मिलेगा, चाहे उसकी वो कमाई हो या विरासत में मिली तो हमें तैयार रहना चाहिए इस बात के लिए कि राहुल गाँधी की कॉन्ग्रेस देश को सामंतवाद की ओर ढकेल रही है।

बता दें कि 21 अप्रैल से लगातार पीएम मोदी जनता को इस बारे में बता रहे हैं कि कॉन्ग्रेस की मंशा क्या है और वो कैसे सत्ता में आने के बाद लोगों की संपत्ति के बँटवारे का प्लान बनाकर बैठे हैं। पीएम द्वारा इस मुद्दे को उठाने के बाद कॉन्ग्रेस ने उन्हें ‘डर फैलाने वाला’ तक कहा। हालाँकि, अब तिवारी के कमेंट के बाद ऐसा लग रहा है कि पीएम मोदी द्वारा दी जा रही चेतावनी सही हो सकती है कि सबको एक बराबर करने के नाम पर कॉन्ग्रेस गरीबों को विरासत में मिली संपत्ति और समृद्ध परिवार की संपत्ति को भी दूसरों में बाँट सकें। कॉन्ग्रेस ने अपने मेनिफेस्टों में जो बातें कही हैं उन्हें लेकर उन्होंने ये नहीं बताया कि ये लागू कैसे होगा। न ही ये बताया है कि संपत्ति का बँटवारा किस हिसाब से होगा।

इस रिपोर्ट को मूल रूप से अंग्रेजी में लिखा गया है। आप पूरी रिपोर्ट इस लिंक पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

Anurag
Anurag
B.Sc. Multimedia, a journalist by profession.

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

18 साल से ईसाई मजहब का प्रचार कर रहा था पादरी, अब हिन्दू धर्म में की घर-वापसी: सतानंद महाराज ने नक्सल बेल्ट रहे इलाके...

सतानंद महाराज ने साजिश का खुलासा करते हुए बताया, "हनुमान जी की मोम की मूर्ति बनाई जाती है, उन्हें धूप में रख कर पिघला दिया जाता है और बच्चों को कहा जाता है कि जब ये खुद को नहीं बचा सके तो तुम्हें क्या बचाएँगे।""

‘घेरलू खान मार्केट की बिक्री कम हो गई है, इसीलिए अंतरराष्ट्रीय खान मार्केट मदद करने आया है’: विदेश मंत्री S जयशंकर का भारत विरोधी...

केंद्रीय विदेश मंत्री S जयशंकर ने कहा है कि ये 'खान मार्केट' बहुत बड़ा है, इसका एक वैश्विक वर्जन भी है जिसे अब 'इंटरनेशनल खान मार्केट' कह सकते हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -