Sunday, December 22, 2024
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‘बस एक ट्वीट दिखा दो, जिसमें तुमने भारत या भारतीय संस्कृति की प्रशंसा की’: आरफा खानम की ‘इस्लामी गिल्ली’ विदेशी क्रिकेटर ने उड़ाई

"चलो, एक स्पष्ट जवाब के साथ इस बहस को खत्म करते हैं - मुझे सिर्फ एक ट्वीट ऐसा दिखा दो जिसमें तुमने भारत या इसकी संस्कृति की प्रशंसा की है।"

भारत और हिन्दू धर्म को लेकर अक्सर नफरत फैलाने वाली ‘The Wire’ की तथाकथित पत्रकार आफरा खानम शेरवानी ने इस बार गलत पंगा ले लिया। लोग इसीलिए ऐसा कह रहे हैं, क्योंकि पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर दानिश कनेरिया ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर उनके हर प्रोपेगंडा को ध्वस्त कर रहे हैं। जब आरफा खानम ने ऑनलाइन आलोचना को ‘लिंचिंग’ बता कर उन पर निशाना साधा, तो दानिश कनेरिया ने साफ़ कर दिया कि इन शब्दों का इस्तेमाल कर के उनके खिलाफ प्रोपेगंडा नहीं चलेगा।

आरफा खानम शेरवानी का ‘विक्टिम कार्ड’

असल में, जब आरफा खानम शेरवानी ने खुद के भारतीय होने पर शर्मिंदगी जताई तो दानिश कनेरिया ने कह दिया कि वो पाकिस्तान आ जाएँ। इसे आरफा सांप्रदायिक बताने लगीं। जवाब मिलने पर उन्होंने कहा कि उस ट्वीट का हर एक शब्द कम्युनल था। आरफा खानम शेरवानी का मानना है कि किसी भारतीय मुस्लिम को पाकिस्तान जाने के लिए कहना उतना ही सांप्रदायिकता और बहुसंख्यकवादी है, जितना किसी पाकिस्तानी हिन्दू को धर्मांतरण के लिए कहना।

उन्होंने लिखा कि इसका अर्थ हुआ किसी अल्पसंख्यक को ये कहना कि तुम यहाँ से संबंध नहीं रखते हो, जब तक कि तम बहुसंख्यक धर्म में कन्वर्ट नहीं हो जाते। हालाँकि, ये अलग बात है कि भारत में मुस्लिमों की जितनी जनसंख्या है, लगभग 190 देशों की कुल आबादी भी उतनी नहीं है। भारत में मुस्लिम दूसरे सबसे बड़े बहुसंख्यक हैं, अल्पसंख्यक नहीं। सिख, जैन, बौद्ध, पारसी, यहूदी या फिर ईसाई समाज तक की तरफ से इस तरह से अल्पसंख्यक-बहुसंख्यक वाला प्रोपेगंडा नहीं चलाया जाता रहा है, जबकि इस्लामी गिरोह के लिए ये आम हथियार है।

दानिश कनेरिया ने आरफा खानम शेरवानी को जवाब देते हुए लिखा, “मैं धर्मांतरण, बहुसंख्यकवाद, हिन्दुओं, भारतीय मुस्लिमों या धर्म/मजहब की बात ही नहीं कर रहा हूँ। मैं सीधे-सीधे तुम्हारी वफादारी के बारे में बात कर रहा हूँ। चलो, एक स्पष्ट जवाब के साथ इस बहस को खत्म करते हैं – मुझे सिर्फ एक ट्वीट ऐसा दिखा दो जिसमें तुमने भारत या इसकी संस्कृति की प्रशंसा की है।” आरफा खानम शेरवानी अब लगातार अपने समर्थन में गिरोह विशेष के लोगों द्वारा किए जा रहे ट्वीट्स को रीट्वीट कर रही हैं।

आरफा खानम शेरवानी आज धर्मांतरण की बात कर रही हैं, लेकिन पाकिस्तान में हर महीने 20-25 हिन्दू लड़कियों के अपहरण, इस्लामी धर्मांतरण और निकाह की घटनाएँ होती हैं तो वो चुप रहती हैं। पाकिस्तान के ही ‘औरत फाउंडेशन’ और ‘मूवमेंट फॉर सॉलिडेरिटी एन्ड पीस’ का कहना है कि हर साल 1000 लड़कियों के साथ ऐसी क्रूरता होती है। हाल ही में रजीता मेघवार कोल्हि नामक दलित लड़की के साथ यही हुआ।अपहरण के बाद के पास जाने के लिए वो रोती रहीं, लेकिन पाकिस्तान की पुलिस या न्यायपालिका भी हिन्दू विरोधी ही है। आरफा इस पर भी चुप रहती हैं।

दानिश कनेरिया ने अब भी स्पष्ट कहा है कि उनका जन्म पाकिस्तान में हुआ, उन्होंने क्रिकेट पाकिस्तान के लिए खेला और आज भी वो एक पाकिस्तानी के रूप में गौरव महसूस करते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ तुच्छ लोगों ने उनके साथ धर्म के आधार पर भेदभाव किया, लेकिन इसके लिए वो सभी को दोष नहीं दे सकते। उन्होंने साफ़ कहा कि वो अपने देश को गाली नहीं दे सकते। हालाँकि, उन्होंने ये भी कहा कि उनके समुदाय के साथ कुछ गलत होता है तो वो चुप भी नहीं रहेंगे, बल्कि आवाज़ उठाएँगे।

दानिश कनेरिया ने कर दिया है ‘इलाज’

अब आपको बताते हैं कि ये सब शुरू कैसे हुआ। असल में आरफा खानम शेरवानी ने ट्वीट कर के लिखा, “विश्व कप के मैचों के दौरान कई फैंस के निंदनीय व्यवहार से एक भारतीय के रूप में मुझे शर्म महसूस हो रही है, मैं इससे लज्जित हूँ। खेल का उद्देश्य था लोगों को एक साथ लाना, लेकिन इसे लेकर गंदा, असुरक्षित भावना और बहुसंख्यकवाद मोदी-RSS द्वारा पिछले 10 साल में बनाए गए माहौल का प्रतीक है।” उनका इशारा भारत-पाकिस्तान मैच के दौरान अहमदाबाद में फैंस द्वारा ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने को लेकर था।

हालाँकि, अरफ़ा खानम शेरवानी पाकिस्तानी विकेटकीपर बल्लेबाज मोहम्मद रिजवान द्वारा मैदान पर ही नमाज पढ़े जाने को लेकर खामोश रहती हैं। पाकिस्तान के हिन्दू क्रिकेटर दानिश कनेरिया ने इस बार उन्हें जवाब देते हुए कहा, “अगर तुम एक भारतीय के रूप में शर्म महसूस कर रही हो तो मेरे देश पाकिस्तान में आ जाओ। भारत को तुम्हारे जैसे लोगों की ज़रूरत ही नहीं है। मैं आश्वस्त हूँ कि भारत में कई लोगों को तुम्हें पाकिस्तान भेजना का खर्च उठाने में ख़ुशी होगी।”

जैसे ही लोगों ने आरफा खानम शेरवानी को जवाब देना शुरू किया, उन्होंने ‘विक्टिम कार्ड’ निकाल लिया। उन्होंने दावा किया कि दानिश कनेरिया ने उनकी ‘ऑनलाइन लिंचिंग’ के लिए भीड़ छोड़ दी है और वो ट्विटर पर ट्रेंड कर रही हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें दुःख है कि कई धर्मों के फैंस द्वारा जिस अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर को प्यार किया गया वो अब एक सांप्रदायिक ट्रोल बन गया है। इसके बाद आरफा ने पाकिस्तान जाने से भी इनकार कर दिया और कहने लगीं कि ‘अपने देश’ को छोड़ कर दुनिया में कहीं नहीं जाएँगी।

इसके बाद दानिश कनेरिया ने आरफा खानम शेरवानी द्वारा इस्तेमाल किए गए शब्दों (भीड़, लिंच, धार्मिक, ट्रोल) पर कटाक्ष किया। उन्होंने साफ़ कहा कि उनके खिलाफ इन प्रोपेगंडा शब्दों का इस्तेमाल न किया जाए। दानिश कनेरिया ने पूछा कि क्या उन्होंने अपने ट्वीट में कहीं भी सांप्रदायिकता की बात की? दानिश ने कहा कि उन्होंने ऐसा नहीं किया। इसके बाद दानिश कनेरिया ने उनसे स्पष्ट जवाब माँगा है कि क्या उन्होंने कभी भारत या उसकी संस्कृति की तारीफ की है, एक बार भी?

दुर्गा पूजा करने पर कट्टर मुस्लिमों ने दानिश कनेरिया को दी गाली =

याद दिलाते चलें कि दानिश कनेरिया द्वारा नवरात्रि के दिनों में देवी माँ के साथ फोटो डालने पर इस्लामी ट्रोल गाली-गलौज पर उतर आए। देवी माँ की पूजा करने पर मुस्लिम अकाउंट उन्हें वतन गद्दार बता रहे हैं। एक यूजर ने उन्हें ‘सूअर’ की भी गाली दी। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि दानिश कनेरिया पाकिस्तान में रह कर भी अपने हिन्दू रीति रिवाजों को मान रहे हैं। दानिश ने देवीमंत्र के साथ एक फोटो एक्स पर डाली तो आमिर खान ने लिखा, “आप सूअर जैसे लगते हो!”

फैसी मलिक नाम के एक अकाउंट ने लिखा, “एक बार फ़िक्सर, हमेशा फ़िक्सर!” आमिर खान ने ही लिखा कि यदि दानिश अब भी क्रिकेट खेल रहे होते सबसे गन्दी शकल उन्हीं की होती। अरशद नाम के एक ट्रोल ने लिखा कि फ़िक्सर भगवान से माँग रहा है। फैसी मलिक ने कनेरिया द्वारा देवी की आरती की वीडियो ट्विटर पर डालने पर उन्हें वतन गद्दार बता दिया। ‘मिस्टर रेजर’ नाम के अकाउंट ने हिन्दू देवी-देवताओं का मजाक उड़ाते हुए लिखा कि क्या बूतों की पूजा कर रहा है, मुस्लिम बन जा, जिद छोड़ दे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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