लोकसभा चुनाव आने में अब ज्यादा समय नहीं बचा है। ऐसे में हर राजनैतिक पार्टी खुद को दूसरी पार्टी से बेहतर बनाने में जुटी हुई है। अलग-अलग एजेंडे को लेकर और रैलियां करके हर पार्टी जनता के दिल में उतरना चाहती है ताकि 2019 में कुर्सी पर वो स्वयं आसित हो सकें।
ऐसे में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी आज रविवार (6 जनवरी 2019) को रामलीला मैदान पर रैली करने करने वाले हैं। इस रैली में भाजपा के कार्यकर्ता मिलकर 3000 किलो खिचड़ी पकाएंगे। जिसे ‘समरसता खिचड़ी’ का नाम दिया गया है। इस खिचड़ी की सबसे खास बात यह होगी कि इस खिचड़ी में उपयोग किये जाने वाले चावल को 3 लाख दलित समुदाय के लोगों के घर से जुटाया गया है। इस खिचड़ी को भाजपा के कार्यकर्ताओं में और भीम महासंगम विजय संकल्प के समर्थकों में बाँटा जाएगा।
बता दें कि अमित शाह की इस रैली का आयोजन भी दलित मोर्चा ही कर रहा है। जहाँ तक उम्मीद जताई जा रही है इस रैली में करीब 50 हज़ार लोगों के आने की सम्भावना है। 3000 किलो खिचड़ी बनाकर बीजेपी वर्ल्ड रिकॉर्ड भी कायम करना चाहती है। अभी फिलहाल,नवंबर 2017 खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (Ministry of Food Processing Industries) द्वारा आयोजित ‘वर्ल्ड फ़ूड इंडिया’ फेस्टिवल में संजीव कपूर द्वारा बनाई गई 918 किलो खिचड़ी खूब प्रसिद्ध हुई थी। जिसने अभी तक वर्ल्ड रिकॉर्ड पर अपना नाम कायम कर रखा हुआ है।
अमित शाह इस रैली में भाजपा द्वारा दिल्ली में रह रहे दलितों के लिए किए गए कार्यों की भी चर्चा करेंगे। इस रैली की सबसे खास बात ये होगी कि ये उस समय पर हो रही है, जब काँग्रेस द्वारा देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बार-बार ये कहकर निशाना बनाया जाता रहा है कि वो देश के दलित समुदाय के लिए कोई भी कदम उठाने में विफल रहे हैं ।
कुछ समय पहले, काँग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया था कि वो देश के कमज़ोर समुदाय को नकार रहे हैं। जंतर-मंतर में एक सभा पर राहुल गांधी का कथन था कि कोई भी चीज़ नीयत से शुरू होती है। उनकी माने तो प्रधानमंत्री वही काम कर रहे हैं जो उनके दिल में था। उनके अनुसार प्रधाममंत्री चाहते हैं कि देश का दलित समुदाय हमेशा हाशिये की स्थिति में ही जिए।
ऐसे में ज़रूरी हो जाता है कि भाजपा द्वारा किये गए उन सभी कार्यों को खुद भाजपा द्वारा दोहराया जाए, जो उन्होंने हाशिये में जी रहे लोगों के लिए किया है, ताकि भूली-बिसरी बातों को याद करके विरोधी अपने कथनों में सुधार कर सकें। अमित शाह की रैली मुमकिन है विश्व रिकॉर्ड भी कायम करेगी और दलितों के मन में अपनी पार्टियों को लेकर और कार्यनीतियों को लेकर जगह भी बना पाएगी।