Friday, November 15, 2024
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राजस्थान के सरकारी स्कूल में छात्रों का तिलक पोछा, कलावा तोड़ा, पढ़ाई ‘अल्लामा इकबाल की नज्म’: विरोध के बाद ‘सर्वधर्म’ प्रार्थना

सीकर के हायर सेकेंड्री स्कूल में लगभग 80% छात्र हिन्दू समुदाय के हैं। बावजूद इसके उन्हें प्रार्थना की जगह 'लब पे आती है दुआ' नज्म पढ़ाई गई। जब अभिभावकों को इसका पता चला तो उन्होंने इसका विरोध किया और आरोपित टीचरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की माँग की।

राजस्थान के सीकर जिले में एक सरकारी स्कूल के अंदर प्रार्थना के बदले अल्लामा इकबाल की नज़्म पढ़ाने का मामला सामने आया है। स्कूल का नाम ‘हाई सेकेंड्री स्कूल खंडेला’ है। यहाँ के छात्रों को ‘लब पे आती है दुआ’ नज़्म पढ़ाए जाने पर उनके अभिभावकों ने विरोध दर्ज करवाया है। हिन्दू संगठनों ने स्कूल के अंदर सनातन मान्यताओं के अपमान का आरोप लगाया है। छात्रों को विरोध करने या किसी को इस संबंध में बताने पर नाम काटने की धमकी दी गई थी। स्थानीय प्रशासन पर भी विरोध करने वाले हिन्दू संगठन के सदस्यों पर कार्रवाई का आरोप है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मामला सीकर के खंडेला का है। यहाँ के हायर सेकेंड्री स्कूल में लगभग 80% छात्र हिन्दू समुदाय के हैं। कक्षा 11 के एक छात्र के अनुसार पिछले 1 माह से स्कूल में सर्वधर्म प्रार्थना के बजाय ‘लब पे आती है दुआ’ की नज़्म पढ़ाई जा रही थी। इस दौरान छात्रों को नमाज़ की मुद्रा में हाथ भी जोड़ने के लिए कहा जाता था। ऐसे करने के लिए बाध्य करने वालों में अब तक टीचर प्यारेलाल मीणा और संविदा पर काम कर रहे एक मुस्लिम अध्यापक का नाम सामने आया है। छात्रों ने इसकी जानकारी अपने परिजनों को दी तो उन्होंने सोमवार (23 अक्टूबर 2023) को स्कूल पहुँच कर विरोध जताया।

झलको सीकर नाम के यूट्यूब चैनल की पत्रकार ने इस मामले पर ग्राउंड रिपोर्ट की है। आरोप है कि अभिभावकों की शिकायत का विद्यालय प्रशासन पर कोई फर्क नहीं पड़ा। स्कूल में अल्लामा इक़बाल की नज़्म ज्यों की त्यों जारी रही। यहाँ तक कि अपने घर शिकायत करने वाले हिन्दू छात्रों को ही प्रताड़ित किया जाने लगा। आरोपित टीचरों द्वारा कुछ छात्रों के तिलक पोछे गए जबकि रामस्वरूप नाम के टीचर द्वारा एक छात्र को कलावा उतार कर स्कूल आने के लिए कहा गया। कुछ छात्रों का आरोप है कि जब सर्वधर्म की प्रार्थना हुआ करती थी तब भी मुस्लिम छात्र अपने हाथ दुआ के अंदाज़ में जोड़े रहते थे।

जब इस मामले की जानकारी हिन्दू संगठनों को हुई तो उन्होंने शुक्रवार (27 अक्टूबर 2023) को स्कूल के बाहर धरना दिया। इस धरने को खंडेला के व्यापारी वर्ग का भी समर्थन मिला। हिन्दू संगठन के सदस्यों का आरोप है कि विरोध के बाद उनके कुछ साथियों का पुलिस ने शांति भंग की धाराओं में चालान करवा दिया था। साथ ही सोशल मीडिया पर मुस्लिम समुदाय के लोगों की तरफ से गंदे-गंदे कमेंट भी किए गए। धरने में छात्रों के साथ उनके माता-पिता भी शामिल हुए। सभी ने आरोपित टीचरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की माँग उठाई।

प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों के साथ बातचीत कर के मामले के समाधान का प्रयास किया। फ़िलहाल स्कूल में नज़्म बंद करवा दी गई है और सर्वधर्म की प्रार्थना करवाई जा रही है। कुछ अभिभावकों ने कहा कि ये सब कुछ खंडेला के एक मुस्लिम वकील सदाऊ के कहने पर हुआ है। उन्होंने बताया कि वकील सदाऊ ही सभी टीचरों को दबाव में लिया है। स्कूल के अंदर कुल लगभग 40 टीचर है।

पुलिस बता रही राजनैतिक मामला

झलको सीकर की पत्रकार से बात करते हुए खंडेला के थाना प्रभारी ने इस मामले को राजनैतिक सोच से प्रेरित बताया है। उनका कहना है कि विवाद की जड़ में सोशल मीडिया पर एक धर्म के खिलाफ डाली गई पोस्ट है जिसमें उन्होंने कुछ आरोपितों को हिरासत में लिया था।

SHO के मुताबिक उसी मामले को तूल देने के लिए हंगामे को खड़ा किया गया है। बकौल थाना प्रभारी अगर स्कूल के अंदर कोई दिक्क्त है भी तो उसकी शिकायत शिक्षा विभाग के अधिकारियों से होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि जब पुलिस ने आपत्तिजनक डालने वालों पर उचित एक्शन ले ही लिया है तो विवाद को तूल देने की जरूरत ही क्या है।

ऑपइंडिया से बात करते हुए बजरंग दल सीकर के पदाधिकारी सुनील कटारिया ने बताया कि फिलहाल स्कूल में नज़्म बंद कर दी गई है। साथ ही उन्होंने बताया कि आरोपित टीचरों के खिलाफ जाँच करवाई जा रही है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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