विधानसभा चुनावों के शुरुआती रुझान आने के बाद से मीडिया में चर्चाएँ जारी हैं। इसी बीच एक चर्चा द वायर की आरफा खानम शेरवानी ने भी अपनी कुछ साथियों के साथ मिलकर की। इसमें उन्होंने कॉन्ग्रेस को सिखाना चाहा कि कैसे सेकुलर पार्टियाँ हिंदुत्व की आड़ लेकर पहले सत्ता में घुस सकती हैं और उसके बाद सेकुलर राजनीति कर सकती हैं।
आरफा खानम शेरवानी ने चुनावी चर्चा के दौरान न्यूजलॉन्ड्री के अतुल चौरसिया से बात करते हुए कहा हिंदुत्व का दबाव भारत की राजनीति पर इतना है कि आदर्शवादी राजनीति नहीं हो जाती, क्योंकि इधर भी खुश करना पड़ता है। ऐसे में वो समझाती हैं कि क्यों नहीं एक बार हिंदुत्व की आड़ लेकर सत्ता में आया जाए और उसके बाद सेकुलर राजनीति की जाए।
Hume sirf Strategy badalni hai Ideology nahin 2.0 @khanumarfa here advises Congress to play Chunavi Hindu card before elections to woo Hindus and then betray them after winning elections 😳 pic.twitter.com/l5AobX7Mz2
— BALA (@erbmjha) December 3, 2023
इस पर अतुल चौरसिया उन्हें समझाते हैं कि ये बहुत स्लिपरी स्लोप है। ऐसा नहीं किया जा सकता कि पहले व्यवहारिक होकर हिंदुत्व का कार्ड खेल लिया जाए और उसके बाद कहें कि सेकुलर राजनीति करेंगे, क्योंकि चुनावों के बाद स्टेक होल्डर जवाब माँगता है। उन्होंने समझाया कि कर्नाटक के मुकाबले देखें तो इन चुनावों में देखें तो कम्युनल एंगल इतना नहीं था जितना वेल्फेयर का मुद्दा उठाया गया था
बता दें कि आरफा खानम के साथ इस शो में न्यूज लॉन्ड्री के अतुल चौरसिया, कारवां के हरतोष सिंह बल, स्क्रॉल से शोएब दानियाल शामिल हुए थे। शो की शुरुआत आरफा खानम ने खुद को सच्चा-ईमानदार पत्रकार बताने से की थी। उन्होंने कहा, “आपने सत्ता का चुनावी गठबंधन तो बहुत सुना होगा, लेकिन ये मीडिया का गठबंधन है। उन्होंने कहा कि लोग उनसे कहते हैं कि क्यों नहीं गोदी मीडिया के खिलाफ आप तमाम सच्चे ईमानदार पत्रकार एक हो जाइए तो हमने आपकी बात सुन लीं और हम आपके बीच हाजिर हैं।”