भाजपा नेता रंजीत श्रीनिवास की क्रूर हत्या के मामले में प्रतिबंधित इस्लामी आतंकी संगठन PFI और उसके राजनीतिक संगठन SDPI के आतंकियों को मौत की सजा सुनाने वाली महिला जज अब इस्लामी कट्टरपंथियों के निशाने पर आ गई हैं। उन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से धमकियाँ दी रही हैं। इसको देखते हुए उनकी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। साथ ही दो लोगों को हिरासत में लिया गया है।
केरल के अलप्पुझा में तैनात जज वीजी श्रीदेवी ने भाजपा नेता और प्रदेश ओबीसी मोर्चा के सचिव रंजीत श्रीनिवास की वर्ष 2021 में हुई हत्या के मामले में फैसला सुनाया था। इस साल 30 जनवरी को सुनाए गए फैसले में उन्होंने 15 इस्लामी आतंकियों को मौत की सजा सुनाई थी। यह सभी दोषी प्रतिबंधित इस्लामी संगठन PFI और SDPI से जुड़े हैं।
इस फैसले के बाद से ही केरल के इस्लामी कट्टरपंथी उन्हें धमकियाँ दे रहे हैं। सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ PFI से जुड़े इस्लामी कट्टरपंथी घृणा अभियान चला रहे हैं। उनकी फोटो को सोशल मीडिया पर साझा किया जा रहा है। इन धमकियों के कारण केरल पुलिस ने उनकी सुरक्षा बढ़ा दी है। वीजी श्रीदेवी केरल के अलप्पुझा के मवेलिक्कारा कोर्ट में जज हैं।
जानकारी के मुताबिक, जज श्रीदेवी को धमकाने के मामले में केरल पुलिस ने कम-से-कम 6 मामले दर्ज किए हैं। पुलिस का कहना है कि आरोपितों के खिलाफ हिंसा के उकसाने के लिए मामला दर्ज किया गया है। जज श्रीदेवी को धमकाने के आरोप में जिनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज हुआ है, उनके नाम बीवी केयू, असलम वालाप्पुपचा, नजीर मोन खलील, आजाद अमीर, रफ़ी तिरुवनंतपुरम और शफीक हैं।
इस मामले में पुलिस ने दो आरोपितों को हिरासत में लिया है। इन आरोपितों को पुलिस ने तिरुवनंतपुरम और अल्लपुझा से पकड़ा है। इससे पहले 30 जनवरी को जज श्रीदेवी की सुरक्षा को बढ़ा दिया गया था। बता दें कि भाजपा नेता रंजीत की हत्या के मामले में आरोपपत्र का दूसरा सेट दाखिल किए जाने की उम्मीद है। इसमें PFI के उन 15 कैडरों के नाम हैं, जिन्होंने हत्या के लिए उकसाने और सबूत नष्ट करने में मदद की थी।
दरअसल, रंजीत श्रीनिवास को उनके घर में घुसकर 19 दिसम्बर 2021 को उनके परिजनों के सामने हत्या कर दी गई थी। इस मामले में केरल के अलप्पुझा जिले की मवेलिकारा कोर्ट ने नईम, मोहम्मद असलम, अनूप, अजमल, अब्दुल कलाम उर्फ़ सलाम, अब्दुल कलाम, सफरुद्दीन, मनषद, जसीब राजा, नवास, समीर, नज़ीर, जाकिर हुसैन, शाजी और शेरनस अशरफ को हत्या का दोषी पाया था।
ये सभी दोषी अलप्पुझा के निवासी हैं और प्रतिबंधित इस्लामिक संगठन PFI और इसकी राजनीतिक शाखा SDPI से जुड़े हुए हैं। इन दोषियों में शुरुआती 8 को रंजीत की हत्या में सीधे तौर पर दोषी माना गया है। इन पर कोर्ट ने धारा 302 समेत चार और धाराएँ लगाई हैं। जब 8 आरोपित रंजीत हत्या कर रहे थे, तब दोषी नम्बर 9 से 12 उनके घर के बाहर खतरनाक हथियारों के साथ पहरा दे रहे थे।
इसके अलावा कोर्ट ने दोषी नंबर 13, 14 और 15 दोषी को इस हत्या की साजिश रचने के मामले में दोषी करार दिया था। कोर्ट के सामने इस मामले में पुलिस ने आरोपित अनूप के फ़ोन से बरामद एक हिटलिस्ट रखी थी। इस केस में यह बहुत बड़ा सबूत बना। इस हिटलिस्ट में रंजीत श्रीनिवास समेत 150 से अधिक लोगों के नाम थे। इनमें भाजपा और हिंदू संगठनों के कई नेताओं के नाम भी शामिल थे।