Sunday, December 22, 2024
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रवीश कुमार ने ‘लव जिहाद’ को बताया काल्पनिक, नेशनल शूटर ने लताड़ा, कहा – ‘जिस जिहादी ने मुझे दी प्रताड़ना, उसे आप जैसों से मिलती है हिम्मत’

बता दें कि तारा शाहदेव को रकीबुल हसन ने 'रंजीत कोहली' बन कर फाँसा था और इस साजिश में उसकी अम्मी कौशर रानी भी शामिल थीं। उसे भी 10 वर्ष की सज़ा सीबीआई की विशेष अदालत ने सुनाई थी।

राइफल शूटर तारा शाहदेव ने रवीश कुमार के प्रोपेगंडा का तगड़ा जवाब दिया है। बता दें कि तारा शाहदेव जबरन धर्म-परिवर्तन, यौन उत्पीड़न और दहेज़ प्रताड़ना की शिकार रही हैं। रकीबुल ने उन्हें फँसा कर उनके साथ लव जिहाद’ की घटना को अंजाम दिया था। इस मामले में रकीबुल को राँची स्थित CBI की स्पेशल कोर्ट ने आजीवन कारावास की सज़ा भी सुनाई थी। झारखंड उच्च न्यायालय का तत्कालीन रजिस्ट्रार मुश्ताक अहमद को भी 15 वर्ष की सज़ा सुनाई गई थी।

पहले NDTV में रहे यूट्यूबर रवीश कुमार ने शुक्रवार (16 फरवरी, 2024) को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक तस्वीर शेयर की, जिसमें उन्होंने अपने हाथ में ‘लव जिहाद एन्ड अदर फिक्शंस’ नामक एक पुस्तक ले रखी है। उन्होंने इस किताब का प्रचार करते हुए लिखा कि प्रगति मैदान में आयोजित पुस्तक मेले में इसके तीनों लेखक मौजूद रहेंगे और इस पर चर्चा होगी। रवीश कुमार ने ‘लव जिहाद’ को मनगढंत बताने वाली किताब का प्रमोशन किया।

इस पर उन्हें जवाब देते हुए तारा शाहदेव ने लिखा, “रकीबुल जैसे जिहादी, जिसने मुझे धर्म परिवर्तन और ‘लव जिहाद’ के लिए जो शारीरिक और मानसिक प्रताड़नाएँ दी, मैं उस समय समझ नही पाई थी कि वो हैवानियत करने की हिम्मत उसमे कहाँ से आई। लेकिन, आज समझ आया की वो हिम्मत उन जैसे लोगों को आप जैसे लोग ही देते हो।” तारा शाहदेव खुद ‘लव जिहाद’ की पीड़िता रही हैं, ऐसे में इसे काल्पनिक बताया जाना उन्हें बर्दाश्त नहीं हुआ और उन्होंने रवीश कुमार को करारा जवाब दे दिया।

बता दें कि तारा शाहदेव को रकीबुल हसन ने ‘रंजीत कोहली’ बन कर फाँसा था और इस साजिश में उसकी अम्मी कौशर रानी भी शामिल थीं। उसे भी 10 वर्ष की सज़ा सीबीआई की विशेष अदालत ने सुनाई थी। 2014 में ही ये मामला प्रकाश में आया था और 2015 में हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने जाँच शुरू की। असल में रकीबुल हसन पहले रंजीत कोहली हुआ करता था और उसने इस्लामी धर्मांतरण करा लिया था, लेकिन ये बात तारा को शादी के बाद पता चली।

शादी के बाद न सिर्फ तारा शाहदेव, बल्कि उनकी माँ को भी प्रताड़ित किया जाता था। तारा को कई-कई दिनों तक खाना नहीं दिया जाता था। धमकी दी गई थी कि अगर उन्होंने सिंदूर लगाया तो उनके हाथ-पाँव तोड़ डाले जाएँगे। साथ ही उन पर इस्लाम कबूल करने का दबाव भी बनाया जाता था। डेढ़ महीने की प्रताड़ना के बाद तारा ने किसी तरह अपने भाई को फोन किया, जिसके बाद उन्हें कैद से मुक्त कराया जा सका। उन्हें दहेज़ के लिए भी प्रताड़ित किया गया था।

जहाँ तक ‘लव जिहाद’ की बात है, लगभग रोज इससे जुड़ी कुछ न कुछ घटना सामने आती रहती है। हाल ही में मोहम्मद अनीश ने इंस्टाग्राम के जरिए सीतामढ़ी की हिन्दू नाबालिग को फँसाया और फिर गोरखपुर से सीतामढ़ी बुलाकर होटल में रखा। सितंबर 2023 में लव जिहाद, बलात्कार, अप्राकृतिक यौन संबंध से पीड़ित महिला ने सोशल मीडिया के जरिए बेंगलुरु पुलिस से न्याय की गुहार लगाई थी। हिन्दू ही नहीं, बल्कि अन्य धर्मों की लड़कियाँ भी इसकी शिकार हुई हैं। लद्दाख में बौद्ध संगठनों ने वहाँ हुई ऐसी ही एक घटना के बाद तगड़ा विरोध प्रदर्शन किया था

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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