Saturday, May 18, 2024
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‘माल-ए-गनीमत’ व्यवस्था पर ISIS के आतंकियों को था विश्वास, पैसे जुटाने के लिए लूटपाट का लेते थे सहारा: NIA ने कोर्ट में जमानत का किया विरोध

एजेंसी ने कोर्ट ने बताया कि वे चोरी और डकैती करके अपनी गतिविधियों के लिए फंडिंग करने में विश्वास करते थे। एनआईए ने कहा कि मॉड्यूल के सदस्यों का मानना था कि चोरी से प्राप्त धन लूट का माल है, जिसका इस्तेमाल अपने लाभ के लिए किया जा सकता है। केंद्रीय एजेंसी ने कहा कि नबील प्रतिबंधित कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) का सदस्य था।

केरल के त्रिशूर और पलक्कड़ से पकड़ाए इस्लामिक स्टेट (IS) के आतंकियों की जाँच में पता चला है कि यह मॉड्यूल ‘ग़नीमा’ की पुरानी अवधारणा में विश्वास करता था। गनीमा अरबी का शब्द है, जिसका अर्थ है ‘युद्ध के दौरान की लूट’ है। दरअसल, राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने मन्नारक्कड़ से पकड़ाए पाँचवें आरोपित साहिर ईपी की जमानत याचिका के दौरान इसे अदालत में बताया।

यह मामला साल 2023 में गठित आतंकी मॉड्यूल के भंडाफोड़ से संबंधित है। इस मॉड्यूल के आतंकी समाज के प्रमुख सदस्यों और अन्य समुदायों के धार्मिक स्थानों को निशाना बनाने की साजिश रच रहे थे। इस मामले में NIA ने मथिलाकाथ कोदायिल आसिफ, सैयद नबील अहमद, शियास टीएस, रईस टीएस और साहिर को गिरफ्तार किया था।

एनआईए द्वारा मामला दर्ज करने के बाद इस मॉड्यूल के संस्थापक नबील और एक अन्य सदस्य अमीर भूमिगत हो गए थे। हालाँकि, उन्हें बाद में पकड़ लिया गया था। वहीं, इन दोनों को भूमिगत होने में मदद करने वाले साहिर को भी राष्ट्रीय जाँच एजेंसी ने उठाया था। एजेंसी ने कोर्ट बताया कि इन आरोपितों के अपराध गनीमा पर आधारित हैं।

एजेंसी ने कोर्ट ने बताया कि वे चोरी और डकैती करके अपनी गतिविधियों के लिए फंडिंग करने में विश्वास करते थे। एनआईए ने कहा कि मॉड्यूल के सदस्यों का मानना था कि चोरी से प्राप्त धन लूट का माल है, जिसका इस्तेमाल अपने लाभ के लिए किया जा सकता है। केंद्रीय एजेंसी ने कहा कि नबील प्रतिबंधित कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) का सदस्य था।

नबील 20 अप्रैल 2023 को हुई एक डकैती सहित कई अपराधों में शामिल था। बाद में उसे केरल पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और चावक्कड़ जेल में बंद कर दिया। हालाँकि, जमानत पर रिहा होने के बाद भी उसने अपने आपराधिक तरीके जारी रखे। यहाँ तक कि वह केरल में इस्लामिक स्टेट की गतिविधियों के लिए भी धन की व्यवस्था करने लगा।

इस मॉड्यूल का भंडाफोड़ करते हुए NIA ने जब आसिफ को सत्यमंगलम से गिरफ्तार किया तो नबील ने साहिर को संपर्क किया। इसके बाद साहिर ने नबील की बीवी के लिए एक मोबाइल फोन और सिम कार्ड की व्यवस्था की। साहिर ने नबील को अलानल्लूर में स्थित एक लॉज में किराए पर कमरा लेने में मदद की। इसके लिए साहिर ने अपना आईडी कार्ड दिया।

सहीर ने बताया था कि नबील उसे शेयर ट्रेडिंग का प्रशिक्षण दे रहा था और फोन एवं सिम कार्ड उसी के लिए है। उन लोगों को नबील के आपराधिक इतिहास के बारे में जानकारी नहीं थी। हालाँकि, NIA ने कहा कि डकैती के बाद नबील की गिरफ्तारी की खबरें मीडिया में थीं और उन खबरों को नजरअंदाज करना असंभव था।

आसिफ की गिरफ्तारी के बाद नबील से उसके संबंधों की भी खबरें भी खूब प्रसारित हुईं। एजेंसी ने कहा कि कॉल डिटेल्स और अन्य सबूतों से पता चलता है कि सितंबर 2023 में चेन्नई से गिरफ्तार होने से पहले साहिर ने नबील को पुलिस को चकमा देने में मदद की थी। इस तरह साहिर ने नबील की कई दफे मदद की।

तमाम तर्कों को सुनने के बाद एनआईए कोर्ट ने साहिर की जमानत याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि उस पर लगे आरोप गंभीर हैं। न्यायाधीश पीके मोहनदास ने कहा, “मेरे सामने रखी गई सामग्रियों की जाँच पर अदालत का विचार है कि यह मानने के लिए उचित आधार हैं कि याचिकाकर्ता के खिलाफ आरोप प्रथम दृष्टया सच है।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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