Sunday, September 15, 2024
Homeदेश-समाजगुजरात के प्रेरणा पीठ निष्कलंकी मंदिर पर मुस्लिम भीड़ का हमला: VHP ने बताया-...

गुजरात के प्रेरणा पीठ निष्कलंकी मंदिर पर मुस्लिम भीड़ का हमला: VHP ने बताया- पूर्व नियोजित हमले में कई देवी-देवताओं की मूर्तियाँ तोड़ी गईं

बता दें कि इस मामले को लेकर कोर्ट में केस चल रहा है। साल 2022 में इमामशाह दरगाह के ट्रस्ट की ओर से हाई कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया गया था। उसमें कहा गया था कि असल में मूल धार्मिक स्थल हिंदुओं का है और संस्था 'सतपंथियों' की है।

गुजरात के अहमदाबाद में पिराना स्थित प्रेरणा पीठ निष्कलंकी मंदिर पर मुस्लिम भीड़ ने हमला कर दिया है। हमले का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है। इस वीडियो में देखा जा सकता है कि भीड़ में ज्यादातर जालीदार टोपी पहने हुए हैं और वे मंदिर पर डंडों से हमला कर रहे हैं। विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने दावा किया कि हमला पूर्व नियोजित था और हिंदू देवी-देवताओं की कई मूर्तियाँ तोड़ी गई हैं।

बता दें कि इस जगह को लेकर सालों से विवाद चलता आ रहा है। मुस्लिम पक्ष का दावा है कि इस मंदिर की जगह दरगाह की है, जबकि हिंदू पक्ष इसे मंदिर होने की बता करता आ रहा है। इस बात को लेकर अफवाह उड़ी थी कि यहाँ से कुछ कब्रें हटा दी गई हैं। यह अफवाह फैलते ही स्थानीय मुस्लिमों की भीड़ वहाँ जमा हो गई।

कुछ ही देर में एक बड़ी भीड़ जमा हो गई और मंदिर में घुस कर तोड़फोड़ करने लगी। भीड़ के हाथों में लकड़ी और लोहे के डंडे भी दिखे। हमले का एक वीडियो विश्व हिंदू परिषद की गुजरात इकाई ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर पोस्ट किया है। इस में हिंदू संगठन ने दावा किया है कि यह हमला पूर्व नियोजित था।

हिंदू संगठन VHP ने आगे दावा किया है कि हमले में मंदिर के अंदर स्थापित देवी-देवताओं की कई मूर्तियाँ तोड़ दी गई हैं। ऑपइंडिया ने इस संबंध में विश्व हिंदू परिषद से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका।

घटना की सूचना मिलते ही अहमदाबाद ग्रामीण जिला थाना पुलिस और एसओजी, एलसीबी सहित पुलिस का काफिला भी तुरंत पिराना पहुँच गया। उन्होंने स्थिति पर तुरंत काबू पा लिया। अब इस मामले में आगे की जाँच शुरू कर दी गई है।

बता दें कि इस मामले को लेकर कोर्ट में केस चल रहा है। साल 2022 में इमामशाह दरगाह के ट्रस्ट की ओर से हाई कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया गया था। उसमें कहा गया था कि असल में मूल धार्मिक स्थल हिंदुओं का है और संस्था ‘सतपंथियों’ की है।

इमामशाह बावा रोजा ट्रस्ट ने हलफनामा दाखिल कर कहा था कि पिराना स्थित इस जगह पर 600 साल पुरानी मस्जिदें, दरगाह और मंदिर हैं। ट्रस्ट का कहना था कि यह कहना सही नहीं होगा कि यह स्थान मूल रूप से एक मुस्लिम संस्था है और एक हिंदू धार्मिक स्थल है। यह भी कहा गया है कि ट्रस्ट के ट्रस्टियों में हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग शामिल हैं।

ट्रस्ट का यह दावा 1939 में निचली अदालत द्वारा अनुमोदित एक योजना के आधार पर किया गया है, जिसमें कहा गया है कि पिराना मंदिर हिंदू सतपंथियों की एक संस्था है। इसके अलावा कहा गया है कि सैयद ट्रस्टियों की ओर से धार्मिक स्थल को वक्फ संपत्ति घोषित करने की माँग की गई थी।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘कॉन्ग्रेस अर्बन नक्सल का नया रूप, तुष्टिकरण उसका लक्ष्य’: PM मोदी ने कुरूक्षेत्र में भरी हुँकार, कहा- नेहरू आरक्षण के खिलाफ थे, इंदिरा ने...

हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनावों के प्रचार के दौरान पीएम मोदी ने कुरुक्षेत्र में कॉन्ग्रेस और गाँधी परिवार पर जमकर हमला बोला।

‘हिमाचल प्रदेश में हथियार लेकर मुस्लिमों के नरसंहार को निकले हिन्दू’: जानिए उस वीडियो का सच जिसके जरिए शांतिपूर्ण प्रदर्शन को बताया जा रहा...

गुलाम अब्दुल कादिर इलाहाबादी ने लिखा, "हिमाचल प्रदेश में शिमला में मस्जिद शहीद करने के लिए हथियार लेकर निकलना एक गंभीर और खतरनाक कदम है।"

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -