Sunday, September 29, 2024
Homeविविध विषयविज्ञान और प्रौद्योगिकीकोरोना महामारी के बाद अब आया मांस खाने वाला बैक्टेरिया! शरीर में घुस कर...

कोरोना महामारी के बाद अब आया मांस खाने वाला बैक्टेरिया! शरीर में घुस कर टिश्यू को करने करने लगता है बर्बाद, 48 घंटे के भीतर हो जाती है मौत

ये पिछले साल के आँकड़ों से भी ज़्यादा है। इस बीमारी के कारण मानवों के शरीर के टिश्यू टूटने लगते हैं और ऑर्गन फेल होने लगते हैं। साथ ही इसका प्रसार अनियंत्रित होने लगता है।

कोरोना महामारी से दुनिया 2 साल से भी अधिक समय तक जूझती रही, अब एक नए बैक्टेरिया ने सबकी टेंशन बढ़ा दी है। ये बैक्टेरिया बहुत खतरनाक है, क्योंकि ये धीमे-धीमे कर के इंसान का मांस खाने लगता है। जापान में कोरोना को लेकर जो प्रतिबंध लगे हुए थे वो कब के खत्म हो चुके हैं, ऐसे में इस बैक्टेरिया के तेज़ी से फैलने की आशंका है। इसका नाम ‘स्ट्रेप्टोकोकल टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम’ (STSS) है। ये संक्रमण के 48 घंटे के भीतर मार डालने की क्षमता रखता है।

‘नेशनल इंस्टीटुटर ऑफ इंफेक्शियस डिजीज’ (NIID) एक ऐसी खतरनाक बीमारी है, जिसके सिर्फ इसी साल जापान में 1000 से भी अधिक मामले आ चुके हैं। ये पिछले साल के आँकड़ों से भी ज़्यादा है। इस बीमारी के कारण मानवों के शरीर के टिश्यू टूटने लगते हैं और ऑर्गन फेल होने लगते हैं। साथ ही इसका प्रसार अनियंत्रित होने लगता है। जापान के मेडिकल समुदाय में इस ‘फ्लेश ईटिंग बैक्टेरिया’ को लेकर डर का माहौल बना हुआ है, रिसर्च जारी है।

असल में STSS एक खतरनाक संक्रमण है जो ग्रुप A स्ट्रेप्टोकोकस (GAS) बैक्टेरिया द्वारा फैलाया जाता है। इसके फैलते ही शरीर में तेज़ दर्द होता है और तेज़ बुखार से रोगी पीड़ित हो जाता है। साथ ही रक्तचाप घट जाता है। चूँकि कोरोना संबंधित प्रतिबंधों के हटने के बाद लोग अधिक से अधिक संख्या में मिलजुल रहे हैं, इसीलिए संक्रमण तेज़ी से फैल रहा है। 50 से अधिक उम्र के लोगों पर ये ज्यादा असर दिखाता है।

ये बैक्टेरिया विषाक्त पदार्थ पैदा करता है, जो शरीर की क्रियाओं को प्रभावित करता है। टिश्यू ध्वस्त होने लगते हैं और शरीर सूजन का शिकार होने लगता है। व्यक्ति तेज़ दर्द से जूझने लगता है और शरीर का मांस कम होने लगता है। ये बैक्टेरिया खून में घुस जाता है, कई अंग काम करना बंद कर देते हैं। इम्यून सिस्टम ध्वस्त होते ही रोगी को मौत से जूझने लगता है। जापान में स्वास्थ्य सुविधाएँ उन्नत हैं, अगर ये विकासशील या गरीब देशों में फैला तो दिक्कत हो सकती है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जातिगत आरक्षण: जरूरतमंदों को लाभ पहुँचाना उद्देश्य या फिर राजनीतिक हथियार? विभाजनकारी एजेंडे का शिकार बनने से बचना जरूरी

हमें सोचना होगा कि जातिगत आरक्षण के जरिए क्या हम वास्तव में जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं या फिर हम एक नई जातिगत विभाजन की नींव रख रहे हैं?

इजरायल की ताबड़तोड़ कार्रवाई से डरा ईरान! सेफ हाउस भेजे गए सुप्रीम लीडर आयतुल्ला अली खामेनेई: हिज्बुल्लाह चीफ से पहले हमास प्रमुख का भी...

ईरान ने इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) की आपात बैठक बुलाने की माँग की है ताकि मुस्लिम देशों को एकजुट किया जा सके।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -