Tuesday, September 17, 2024
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मुजफ्फरनगर में नेम-प्लेट लगाने वाले आदेश के समर्थन में काँवड़िए, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बोले – ‘हमारा तो धर्म भ्रष्ट हो गया न…’

इसी हाइवे पर पिछले ‘संगम शुद्ध शाकाहारी भोजनालय’ नाम का एक ढाबा कुछ दिन पहले तक होता था। अब इस ढाबे का नाम बदल गया। संगम शुद्ध शाकाहारी भोजनालय की जगह यह ‘सलीम शुद्ध शाकाहारी भोजनालय’ है।

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में पुलिस प्रशासन ने आदेश जारी किया था कि काँवड़ यात्रा मार्ग पर लगने वाली सभी दुकानों, ठेलों, होटलों, रेहड़ियों पर दुकानकार अपना और अपने कर्मचारियों के नाम साफ शब्दों में लिखे। इसका असर ये हुआ कि संगम शुद्ध शाकाहारी होटल का नाम अब सलीम शुद्ध शाकाहारी होटल हो गया है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश पर रोक लगा दिया। इस आदेश के बाद काँवड़ियों की भी प्रक्रिया सामने आई है, जिसमें लोगों ने मुजफ्फरनगर प्रशासन के फैसले की तारीफ की है और सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर हैरानी जताई है।

यूपी तक से बातचीत में कई काँवड़ियों ने अपने मन की पीड़ा व्यक्त की। एक कावँड़िए ने कहा कि अगर नेम-प्लेट होता तो कम से कम ये तो साफ हो जाता कि जो भोजन वो कर रहे हैं, वो शाका हारी है या माँसाहारी। काँवड़ यात्रा पर निकले एक व्यक्ति ने अपना दुख कुछ इस तरह से जाहिर किया, “जो भोले नाथ के लिए जल लेकर जाते हैं, वो नॉनवेज छुएँगे तो अनर्थ हो जाएगा। लेकिन ऐसे होटलों में जिन बर्तनों में माँसाहारी भोजन बनाया गया, उसमें पलट कर हमें शाकाहारी भोजन दे दिया। हमारा तो धर्म भ्रष्ट हो गया न…।”

सुप्रीम कोर्ट की रोक पर बोलते हुए एक काँवड़िया ने कहा, “योगी जी ने तो बहुत अच्छा किया था, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर हम क्या ही कहें।”

एक काँवड़िए ने कहा, “अगर मुस्लिम ढाबा चला रहा है, तो वेज खाना देगा या नॉन-वेज, इसका कैसे पता चलेगा।” उन्होंने आगे कहा, “भगवान शिव के लिए हम पवित्र जल लेकर जा रहे हैं, अगर हम किसी ऐसे होटल में खाना खा रहे हैं, जहाँ नॉन वेज भी मिलता हो, तो हमारा तो पूरा व्रत ही खराब हो गया। योगी आदित्यनाथ की सरकार ने सही फैसला लिया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगाकर गलत किया है।”

एक कावँडिए ने कहा कि अब हम कहीं भी खाना खाते समय पूरी तरह से परेशान रहेंगे कि हम सही शुद्ध शाकाहारी खाना खा रहे हैं, साफ सुथरे बर्तन में या नहीं, यो तो धर्म संकट वाली बात हो गई।

बता दें कि मुजफ्फरनगर पुलिस ने जब नेम-प्लेट का आदेश जारी किया, तो राजनीतिक रूप से बहुत हल्ला मचाया गया। ये मुद्दा सुप्रीम कोर्ट तक पहुँच गया, जहाँ सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी। हालाँकि इस मामले में अभी आखिरी फैसला नहीं आया है। लेकिन पुलिस के आदेश के बाद कई सारी चौंकाने वाली बातें सामने आई। मुजफ्फरनगर में दिल्ली-देहरादून नेशनल हाइवे-58 पर स्थित जो दुकान कुछ दिन पहले ‘चाय लवर पॉइंट’ के नाम से हुआ करती थी, अब वह ‘वकील अहमद टी स्टॉल’ हो गया है। पुलिस के आदेश के बाद दुकान को चलाने वाले फहीम ने अपनी दुकान का नाम बदल दिया है। फहीम ने बताया कि इस निर्देश के बाद काँवड़ यात्रा के दौरान उनके काम पर बड़ा प्रभाव पड़ने वाला है।

इसी हाइवे पर पिछले ‘संगम शुद्ध शाकाहारी भोजनालय’ नाम का एक ढाबा कुछ दिन पहले तक होता था। अब इस ढाबे का नाम बदल गया। संगम शुद्ध शाकाहारी भोजनालय की जगह यह ‘सलीम शुद्ध शाकाहारी भोजनालय’ है। सलीम ने खाद्य सुरक्षा विभाग में इसी नाम से इसका रजिस्‍ट्रेशन भी करवा दिया है। इस दुकान को सलीम पिछले 25 सालों से चला रहा था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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