Friday, November 22, 2024
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500 लोगों की हत्या, महिलाओं की पिटाई-दी मौत… सारे मुस्लिम, फिर भी ‘भारत के मुस्लिमों’ पर चुदुर-बुदुर कर रहा ईरान का कठमुल्ला, विदेश मंत्रालय ने कर दिया शांत

जहाँ एक ओर ईरान के सुप्रीम लीडर खामनेई भारत में मुस्लिमों की स्थिति पर चिंता कर रहे हैं जो किसी भी इस्लामी देश से अच्छी है, वहीं उनके ही देश का अल्पसंख्यकों और महिलाओं के प्रति रिकॉर्ड विश्व में सबसे निचले स्तर का रहा है। भारत में मुस्लिमों पर रोने पीटने वाले वाले ईरान ने वर्ष 2023 में कम से कम 22 औरतों को मौत की सजा दी थी।

ईरान के सुप्रीम लीडर और शियाओं के बड़े धर्मगुरु अयातोल्लाह अल खामनेई ने भारत में मुस्लिम पीड़ित वाले प्रोपेगेंडा को हवा देने की कोशिश की है। खामनेई ने एक ट्वीट में म्यांमार और गाजा की तरह भारत में मुस्लिमों के शोषित होने का दावा किया। खामनेई के इस बयान का भारत ने जवाब देते हुए कहा है कि उन्हें पहले अपने घर में झाँकना चाहिए।

सोमवार (16 सितम्बर, 2024) को ईरान के सुप्रीम लीडर अयातोल्लाह अल खामनेई ने एक ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, “इस्लाम के दुश्मनों ने हमेशा हमारी इस्लामी उम्माह वाली इकट्ठा पहचान को निशाना बनाने का प्रयास किया है। अगर हम म्यांमार,गाजा,भारत या किसी और जगह पर मुस्लिम को होने वाले दर्द से अनजान हैं, तो हम खुद को मुसलमान नहीं कह सकते।”

ईरान के सुप्रीम लीडर के इस बयान पर भारत में कड़ी प्रतिक्रिया हुई है। भारत में सोशल मीडिया पर भी ईरान के सुप्रीम के इस बयान की आलोचना की गई। भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी खामनेई के इस बयान पर अपना रुख साफ़ कर दिया और ईरान के अल्पसंख्यकों के प्रति खराब रिकॉर्ड पर भी प्रकाश डाला।

भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा, “हम ईरान के सुप्रीम लीडर द्वारा भारत में अल्पसंख्यकों के बारे में की गई टिप्पणी की कड़ी निंदा करते हैं। ये फर्जी सूचना पर आधारित हैं और स्वीकार्य नहीं हैं। भारत के अल्पसंख्यकों पर टिप्पणी करने वाले देशों को सलाह है कि वे दूसरों के बारे में कोई भी बात करने से पहले अपना रिकॉर्ड देखें।”

यह कोई पहला मौक़ा नहीं है जब ईरान ने भारत में मुस्लिम पीड़ित होने वाला प्रोपेगेंडा चलाया हो। आयतोल्लाह अल खामनेई ने इससे पहले 2020 में CAA विरोधी दंगों के समय भी भारत में मुस्लिम पीड़ित वाला नैरेटिव चलाने की कोशिश की थी। उन्होंने इस दौरान भारत में हिन्दुओं के अतिवादी होने का आरोप लगाया था।

ईरान खामनेई भारत मुस्लिम

जहाँ एक ओर ईरान के सुप्रीम लीडर खामनेई भारत में मुस्लिमों की स्थिति पर चिंता कर रहे हैं जो किसी भी इस्लामी देश से अच्छी है, वहीं उनके ही देश का अल्पसंख्यकों और महिलाओं के प्रति रिकॉर्ड विश्व में सबसे निचले स्तर का रहा है। भारत में मुस्लिमों पर रोने पीटने वाले वाले ईरान ने वर्ष 2023 में कम से कम 22 औरतों को मौत की सजा दी थी।

इन औरतों को मौत की सजा इसलिए दी गई थी क्योंकि यह आयतोल्लाह के दकियानूसी इस्लामी विचारों को नहीं मानती थीं। जिन महिलाओं को मौत की सजा दी गई उनमें से अधिकांश का दोष यह था कि उन्होंने हिजाब पहनने से इनकार कर दिया था जिसे आयतोल्लाह के इस्लामी राज की नाफ़रमानी माना गया था।

ईरान की लड़की महसा अमीनी का मामला पूरी दुनिया में चर्चित रहा था। महसा अमीनी एक 22 वर्ष की युवती थी जिसे ईरान की पुलिस ने हिजाब का विरोध करने के लिए हिरासत में लिया था। सितम्बर, 2022 में पुलिस की ही हिरासत में महसा अमीनी की मौत हो गई थी। आरोप है कि पुलिस ने महसा अमीनी को यातनाएँ दी जिसके कारण उनकी मौत हुई।

अमीनी की मौत के बाद ईरान में बड़े स्तर पर प्रदर्शन चालू हो गए थे और खामनेई की इस्लामी सत्ता को चुनौती मिलने लगी थी। ईरान की सरकार ने इन विरोध प्रदर्शन को बेरहम तरीके से दबा दिया था। ईरान की सरकार ने इसके लिए सारे हथकंडे अपनाए थे। लगभग 500 लोगों को मार दिया गया था।

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अर्पित त्रिपाठी
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