Friday, November 22, 2024
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पुडुचेरी की रम्या, कोझिकोड के सुब्रह्मण्यन, झाँसी की जल सहेली… देश को PM मोदी ने ‘स्वच्छता दूतों’ से कराया परिचित: मन की बात के 10 साल पूरे

पीएम मोदी ने बताया कि उन्हें इस कार्यक्रम के माध्यम से जो पत्र और संदेश मिलते हैं, वे उन्हें देश की वास्तविक तस्वीर दिखाते हैं। इस कार्यक्रम ने न केवल देश के शहरी क्षेत्रों में, बल्कि दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों में भी अपनी पैठ बनाई है, जहाँ से लोग अपनी समस्याओं, सफलताओं और विचारों को साझा करते हैं​।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रसिद्ध रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ ने 29 सितंबर 2024 को अपने 10 साल पूरे कर लिए। यह एक ऐसा कार्यक्रम है जो 2014 में शुरू हुआ और अब यह देशभर के लाखों लोगों के दिलों में अपनी जगह बना चुका है। हर महीने के अंतिम रविवार को प्रसारित हुए इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री देश के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करते हैं और देशवासियों से सीधे संवाद स्थापित करते हैं। इस खास मौके पर पीएम मोदी ने अपने 114वें एपिसोड में देशवासियों को धन्यवाद दिया और कहा कि इस कार्यक्रम के असली सूत्रधार देश के करोड़ों श्रोता हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि ‘मन की बात‘ एक जन आंदोलन बन चुका है, जो भारत के हर कोने से लोगों को जोड़ता है। इस कार्यक्रम के माध्यम से उन्होंने न केवल सरकार की नीतियों को जनता तक पहुँचाया, बल्कि आम लोगों की प्रेरणादायक कहानियों को भी मंच दिया। यह कार्यक्रम हर बार नई कहानियों और उपलब्धियों को सामने लाता है, जो भारतीय समाज की विविधता और उसकी शक्ति को दर्शाता है। पीएम ने इसे “जनता का कार्यक्रम” कहा और बताया कि इसमें लोगों के प्रयास और उनकी प्रेरणा ही इसकी सफलता के पीछे का सबसे बड़ा कारण है।

इस खास मौके पर पीएम मोदी ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। सबसे पहले उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन की सफलता का जिक्र किया और बताया कि कैसे यह अभियान महात्मा गाँधी के सपनों को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने बताया कि 2 अक्टूबर 2024 को स्वच्छ भारत मिशन के 10 साल पूरे हो रहे हैं, और यह केवल एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि जनता के प्रयासों से सफल हुआ है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि पुडुचेरी की रम्या जी जैसे लोग समुद्र तटों की सफाई में जुटे हैं और स्वच्छता को अपने जीवन का हिस्सा बना रहे हैं। इसी प्रकार, कोझिकोड के 74 वर्षीय सुब्रह्मण्यन जी का उल्लेख किया, जिन्होंने 23,000 से अधिक कुर्सियों की मरम्मत कर उन्हें पुनः उपयोगी बनाया​।

पीएम मोदी ने अपने ‘मन की बात’ के 114वें एपिसोड में झाँसी की एक महिला से भी संवाद किया। उन्होंने बताया कि झाँसी की महिलाओं ने नदी को पुनर्जीवित करने की दिशा में काफी काम किया है और मैं उन्हें जल सहेली कह कर संबोधित करूँगा। पीएम मोदी ने कहा कि इन महिलाओं ने स्वच्छता अभियान को बढ़ावा दिया और स्वच्छता को जीवन का हिस्सा बनाने के लिए लोगों को जागरूक किया।

पीएम मोदी ने ‘वेस्ट टू वेल्थ’ के सिद्धांत पर भी जोर दिया, जिसमें कचरे को उपयोगी संसाधन में बदलने के विचार को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश में अब ‘रिड्यूस, रियूज और रिसाइकिल’ की अवधारणा लोकप्रिय हो रही है, और लोग इसे अपनाकर समाज में योगदान दे रहे हैं। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि स्वच्छता केवल एक दिन या एक साल का अभियान नहीं है, बल्कि इसे हमें अपने जीवन का हिस्सा बनाना होगा। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अपने परिवार, दोस्तों और साथियों के साथ मिलकर स्वच्छता अभियान को आगे बढ़ाएं और इसे निरंतर जारी रखें​।

पीएम मोदी ने कहा कि उत्तराखंड के उत्तरकाशी में एक सीमावर्ती गाँव है ‘झाला’। यहाँ के युवाओं ने अपने गाँव को स्वच्छ रखने के लिए एक विशेष पहल की है, जिसका नाम है ‘धन्यवाद प्रकृति’ या ‘थैंक यू नेचर’ अभियान। इसके अभियान के तहत गाँव में रोजाना दो घंटे सफाई की जाती है। गाँव की गलियों में बिखरे कूड़े को समेटकर, उसे गाँव के बाहर तय स्थान पर डाला जाता है। इससे झाला गांव स्वच्छ हो रहा है और लोग जागरूक भी हो रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि अगर ऐसे ही हर गांव और मोहल्ले में ‘थैंक यू’ अभियान शुरू किया जाए, तो कितना बड़ा परिवर्तन आ सकता है।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने ‘धन्यवाद प्रकृति’ अभियान की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि हमें प्रकृति का आभार व्यक्त करने के लिए एक राष्ट्रीय अभियान चलाना चाहिए, जिसमें हम सभी लोग पर्यावरण संरक्षण के लिए एकजुट हों। उन्होंने कहा कि हर गाँव और हर शहर में यह अभियान शुरू होना चाहिए, ताकि हम प्रकृति की रक्षा कर सकें और उसे आने वाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित कर सकें। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय समस्याएँ आज की दुनिया के सबसे बड़े मुद्दे हैं, और हमें इनसे निपटने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे​।

‘मन की बात’ कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य देश के आम नागरिकों की कहानियों को सामने लाना और उन्हें प्रेरित करना है। पिछले 10 वर्षों में इस कार्यक्रम ने लाखों लोगों को प्रेरित किया है, जिनमें छात्र, किसान, महिला, उद्यमी, और समाज के अन्य वर्ग शामिल हैं। पीएम मोदी ने बताया कि उन्हें इस कार्यक्रम के माध्यम से जो पत्र और संदेश मिलते हैं, वे उन्हें देश की वास्तविक तस्वीर दिखाते हैं। इस कार्यक्रम ने न केवल देश के शहरी क्षेत्रों में, बल्कि दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों में भी अपनी पैठ बनाई है, जहाँ से लोग अपनी समस्याओं, सफलताओं और विचारों को साझा करते हैं​।

पीएम मोदी ने कहा कि ‘मन की बात’ सिर्फ एक संवाद का कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह एक जन आंदोलन बन चुका है। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम भारतीय संस्कृति, परंपराओं और मूल्य प्रणाली को बढ़ावा देता है। इसके अलावा, यह समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का भी एक सशक्त माध्यम बन चुका है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि ‘मन की बात’ कार्यक्रम सरकारी योजनाओं का प्रचार नहीं करता, बल्कि यह आम नागरिकों की कहानियों को सामने लाने का एक मंच है। इसके माध्यम से प्रधानमंत्री ने समाज के अनसुने नायकों की कहानियों को प्रमुखता से सामने रखा है, जिन्होंने समाज में उल्लेखनीय योगदान दिया है​।

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर देश के युवाओं से भी संवाद किया और उन्हें नवाचार और उद्यमशीलता की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि देश के युवा भविष्य के नेता हैं और उन्हें समाज में बदलाव लाने की दिशा में काम करना चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि ‘मन की बात’ ने युवाओं को एक मंच दिया है, जहाँ वे अपनी सफलता की कहानियों को साझा कर सकते हैं और दूसरों को प्रेरित कर सकते हैं। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए आगे आएँ और देश के विकास में योगदान दें​।

10 साल पूरे होने के इस मौके पर पीएम मोदी ने इस कार्यक्रम की सफलता का श्रेय देशवासियों को दिया। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम जनता की भागीदारी से ही सफल हो पाया है। प्रधानमंत्री ने देश के हर नागरिक से आह्वान किया कि वे इस जन आंदोलन का हिस्सा बनें और अपने आसपास के लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि ‘मन की बात’ के अगले दशक में भी यह कार्यक्रम इसी प्रकार समाज को जोड़ता रहेगा और देश के हर कोने तक अपनी बात पहुँचाएगा​।

‘मन की बात’ के माध्यम से प्रधानमंत्री ने देश के विभिन्न मुद्दों जैसे कि स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण, महिला सशक्तिकरण, शिक्षा, स्वास्थ्य, और विज्ञान एवं तकनीकी विकास पर चर्चा की है। इस कार्यक्रम ने न केवल भारतीय समाज को जागरूक किया है, बल्कि इसे एक नई दिशा भी दी है। पिछले 10 वर्षों में यह कार्यक्रम भारत के सामूहिक चेतना का एक अभिन्न हिस्सा बन चुका है और आगे भी यह देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहेगा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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