ISKCON ने एक बयान जारी करके स्पष्ट किया है कि वह बांग्लादेश में गिरफ्तार किए गए हिन्दू संत चिन्मय कृष्ण दास के साथ खड़ा हैं। ISKCON ने कहा है कि उन्होंने किसी भी तरह से चिन्मय कृष्ण दास से खुद को अलग नहीं किया है। उन्होंने साथ ही बांग्लादेश में प्रताड़ना के खिलाफ लड़ रहे सभी हिन्दुओं का समर्थन किया है।
गुरुवार (28 नवम्बर, 2024) को जारी किए गए एक बयान में ISKCON ने कहा, “इस्कॉन ने हिंदुओं और मंदिरों की रक्षा के लिए शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने वाले चिन्मय कृष्ण दास के अधिकारों और स्वतंत्रता का समर्थन करने से खुद को दूर नहीं किया है और ना ही करेगा।”
Clarifying ISKCON's position and support for religious rights in Bangladesh pic.twitter.com/dtP6Qu0NoR
— ISKCON (@iskcon) November 28, 2024
ISKCON ने आगे लिखा, “हम बाकी सभी सनातनी संगठनों के साथ मिलकर हिंदुओं की सुरक्षा तथा बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के साथ शांतिपूर्ण माहौल फिर से स्थापित करने का समर्थन करते हैं। हमारे कई प्रेस बयानों और इंटरव्यू ने इस बात को साफ़ कर दिया है। हमने बस यही कहा है कि चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश में हमारा अधिकारिक तौर पर प्रतिनिधित्व नहीं करते।”
यह स्पष्टीकरण बांग्लादेश ISKCON के महासचिव चारू चन्द्र दास के एक बयान के बाद आया। उन्होंने यह बयान गुरुवार को ढाका में दिया था। उन्होंने अपने बयान में कहा था, “कई महीने पहले, प्रभातक श्री कृष्ण मंदिर के प्रमुख लीलाराज गौर दास, चटगाँव में श्री श्री पुंडरीक धाम के प्रमुख गौरांग दास और चिन्मय कृष्ण दास को अनुशासनहीनता के चलते इस्कॉन के भीतर उनके पदों और सभी संगठनात्मक गतिविधियों से हटा दिया गया था। यह स्पष्ट रूप से कहा गया था कि उनके कार्य इस्कॉन का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।”
Major development!
— Indrajit Kundu | ইন্দ্রজিৎ (@iindrojit) November 28, 2024
ISKCON #Bangladesh dissociates itself from arrested Hindu priest Chinmoy Krishna Das#ISKCON B'desh general secretary Charu Chandra Das today said the organization shall not take any responsibility of the words or actions of Chinmoy Prabhu
Addressing a press… pic.twitter.com/xEJcu5gPsc
चारू चन्द्र दास के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर हिन्दुओं ने गुस्सा जाहिर किया था। हिन्दुओं ने कहा था कि चिन्मय कृष्ण दास पर बांग्लादेश की यूनुस सरकार की चलते ISKCON पीछे हट रहा है। हिन्दुओं ने कहा था कि जब एकता की जरूरत है, ऐसे समय में ISKCON अपने आप को चिन्मय कृष्ण दास से अलग कर रहा है। इसके बाद ISKCON ने यह स्पष्टीकरण दिया।
ISKCON के एक और एक्स (पहले ट्विटर) खाते पर चिन्मय कृष्ण दास के समर्थन में भी एक ट्वीट किया गया है। ISKCON ने लिखा, “ISKCON श्री चिन्मय कृष्ण दास के साथ खड़ा है। हम भगवान कृष्ण से सभी भक्तों की रक्षा के लिए प्रार्थना करते हैं।”
Iskcon,Inc. stands with Sri Chinmoy Krishna Das. Our prayers to Lord Krishna for the protection of all these devotees.
— Iskcon,Inc. (@IskconInc) November 28, 2024
गौरतलब है कि बांग्लादेश में हिन्दू संत चिन्मय कृष्ण दास को सोमवार (25 नवम्बर, 2024) को गिरफ्तार कर लिया गया था। उन्हें मंगलवार को भी जमानत नहीं दी गई थी। बांग्लादेश की पुलिस ने हिन्दुओं पर इस्लामी कट्टरपंथियों के उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाने वाले चिन्मय दास को कथित देशद्रोह के मामले में गिरफ्तार किया है।
वर्तमान में वह जेल में हैं। उनकी रिहाई के लिए हिन्दुओं ने प्रदर्शन किया तो उन पर भी पुलिस ने हमला किया और इस्लामी कट्टरपंथियों ने भी उन्हें निशाना बनाया। चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद युनुस सरकार पर सवाल उठ रहे हैं। बांग्लादेश के कानून के जानकार कह रहे हैं कि चिन्मय कृष्ण दास के मामले में सही प्रक्रिया का पालन नहीं हुआ है।