मीडिया में आ रही ख़बरों के अनुसार एनसीपी और कॉन्ग्रेस नहीं चाहते हैं कि आदित्य ठाकरे मुख्यमंत्री बने। शिवसेना प्रमुख के निवास स्थान मातोश्री के आगे भी पहले आदित्य ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाए जाने सम्बन्धी पोस्टर लगे हुए थे, जिसे बाद में हटा लिया गया था। शुक्रवार (नवंबर 22, 2019) को उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे के साथ एनसीपी के मुखिया शरद पवार की बैठक हुई। मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि शरद पवार ने इस दौरान उद्धव को सीएम बनने को कहा। पवार ने कहा कि उद्धव अनुभवी हैं और गठबंधन सरकार में उनके मुख्यमंत्री बनने से आपसी सहमति का भाव बना रहेगा।
चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद जब मीडिया द्वारा उद्धव से आदित्य को मुख्यमंत्री बनाने की बात कही गई, तब उन्होंने जवाब दिया- ‘आपके मुँह में घी-शक्कर।‘ इससे अंदाज़ा लगाया जा रहा था कि शिवसेना आदित्य को ही मुख्यमंत्री बनाना चाहती है और इसीलिए उन्हें वर्ली से विधानसभा चुनाव भी लड़ाया गया। वह ठाकरे परिवार से चुनाव लड़ने वाले पहले व्यक्ति हैं। लेकिन, एनसीपी और कॉन्ग्रेस की राय के बाद अब शिवसेना को आदित्य को सीएम बनाने के प्रयासों को धक्का लगा है और यह तय माना जा रहा है कि सेहरा उद्धव के सिर ही सजेगा।
उधर शिवसेना सांसद संजय राउत ने भी इस बात की लगभग पुष्टि कर दी है। उनसे जब पूछा गया कि क्या शरद पवार उद्धव को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं, तो उन्होंने कहा कि ये सूचना ग़लत है। साथ ही राउत ने कहा कि महाराष्ट्र की जनता उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री बनते देखना चाहती है। पूर्व मुख्यमंत्री और कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चौहान ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस के ख़राब शासन का अंत करने के लिए शिवसेना का समर्थन करना ज़रूरी था। उन्होंने बताया कि उनकी पार्टी ने शिवसेना को समर्थन देने का निर्णय लिया है।
#MaharashtraPolitics | As the government formation process inches closer in Maharashtra, #ShivSena president #UddhavThackeray today met his party’s legislators to discuss the political situation in the state.https://t.co/Kt3xyL4zLY
— OneIndia (@Oneindia) November 22, 2019
संजय राउत ने बताया कि शनिवार को तीनों पार्टी के विधायकों के हस्ताक्षर वाला समर्थन-पत्र राज्यपाल को सौंप दिया जाएगा। राउत ने कहा कि मुख्यमंत्री तो क्या, अगर अब देवराज इंद्र का पद भी ऑफर किया जाता है तो उनकी पार्टी भाजपा के साथ नहीं जाएगी। उद्धव ठाकरे को 2003 में शिवसेना का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था और अगर वो मुख्यमंत्री बनते हैं कि संगठनात्मक पदों के अलावा राजनीति में पहला ऐसा पद होगा, जिस पर वो काबिज होंगे।