आज तड़के सुबह भारत ने एक और सर्जिकल स्ट्राइक करके पुलवामा आतंकी हमले का बदला ले लिया। भारतीय वायु सेना ने आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद द्वारा संचालित आतंकी शिविरों को नष्ट कर दिया। यह बताया गया था कि वायुसेना के जेट विमानों ने बालाकोट (पाकिस्तान), मुजफ्फराबाद (पीओके) और चाकोटी (पीओके) में आतंकी शिविरों को पूरी तरह नष्ट कर दिया। आज की सर्जिकल स्ट्राइक में भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों का बेड़ा शामिल था।
जैसे-जैसे इस सर्जिकल स्ट्राइक के विवरण आने शुरू हुए, यह साफ होता गया कि भारत में बैठे कुछ आदत से लाचार माओवंशी पत्रकार गिरोह के लोगों को तरह-तरह की दिक्कतें होने लगी हैं।
तथाकथित पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने यह सवाल उठाया कि भारतीय वायु सेना द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक में कितने आतंकी मरे? इस आँकड़े को जस्टिफाई करने के लिए सबूतों की कमी को दूर करने के लिए वो ट्विटर का सहारा ले रहे थे।
यह वही राजदीप सरदेसाई हैं जो 2001 की नृशंस संसद आतंकवादी हमले के दौरान बहुत ज़्यादा ख़ुशी महसूस कर रहे थे। राजदीप सरदेसाई ने कहा कि चैनल कह रहे थे कि सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान हवाई हमलों में 300 आतंकवादी मारे गए हैं। जबकि पाकिस्तानी चैनल दावा कर रहे थे कि पाकिस्तान में कोई हताहत नहीं हुआ है। यह भी कहा कि ये दोनों दावों के प्रमाण कहाँ हैं?
A death toll of 300 killed doing the rounds on our news channels with no attribution/evidence; Pakistani channels claim zero casualties again with no independent confirmation/evidence . War games being played on news channels, too serious a matter to be driven by TRPs.. crazy..
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) February 26, 2019
यह सही है कि हताहतों की आधिकारिक संख्या जारी नहीं की गई है, लेकिन विश्वसनीय स्रोतों के आधार पर बहुत सारी जानकारी सार्वजनिक मंच पर जारी की गई है। इसके अलावा, जब राजदीप कहते हैं कि न तो दावों की पुष्टि की गई है और न ही सबूतों के सहारे बात रखी गई है, तो वे इस संभावना के लिए रास्ता बनाते हैं कि पाकिस्तानी दावा भी सच हो सकता है।
यह ठीक वैसा ही है जैसा 2016 के सर्जिकल स्ट्राइक के बाद हुआ था। कॉन्ग्रेस के कई राजनेताओं और उनके पालतू पत्रकारों ने सर्जिकल स्ट्राइक पर संदेह जाहिर किया था। पाकिस्तान ने अंतर्राष्ट्रीय मीडिया को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में एक अलग जगह पर ले जाकर ये साबित करने की कोशिश की थी कि कोई सर्जिकल स्ट्राइक नहीं हुई थी।
तब भी, ये लिबरल पत्रकार और विपक्ष के नेताओं ने बड़ी चतुराई से कहा था कि वे भारतीय सेना पर व्यक्तिगत रूप से संदेह नहीं करते हैं, लेकिन यदि पाकिस्तान सबूत माँग रहा है, तो उसे प्रदान किया जाना चाहिए। आज एक बार फिर राजदीप उसी तरह के धूर्तता को बस दोहरा रहे हैं।