पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ अत्याचार एक आम बात है। अब ख़बर आई है कि लाहौर के संधा में एक ईसाई लड़की का अपहरण कर लिया गया है। लड़की दिव्यांग है। वो गूँगी और बहरी हैं। यौन दासता (Sex Slavery) के लिए उनका अपहरण किया गया है।
पाकिस्तान का ये पीड़ित ईसाई परिवार व्यथित है, कोई उनका दर्द सुनने वाला नहीं है। अपहरणकर्ताओं ने पीड़ित परिजनों को अपहृत लड़की की नंगी तस्वीरें भेजी हैं। परिजन कह रहे हैं कि पुलिस सब कुछ जानते हुए भी कार्रवाई नहीं कर रही।
पुलिस इसीलिए कार्रवाई नहीं कर रही है क्योंकि पीड़ित परिवार ईसाई है, गैर-मुस्लिम है, अर्थात अल्पसंख्यक समुदाय से आता है। अपहृत युवती कोमल की माँ ने बताया कि लड़की को घर से खींच कर ले गए हैं और उन्होंने पुलिस को सब कुछ समझाया लेकिन फिर भी वो कोई एक्शन नहीं ले रही। पीड़ित परिजनों ने अपहरण करने वालों का नाम अलीम, बशर और अजीम बताया है। ये घटना मार्च की ही है।
Mother’s who keep losing daughters due to their faith. Christian girl Komal Patras with hearing, speech impairment, abducted & is being sexually assaulted by 3 boys from Lahore’s Shibli town. Mother says police is not arresting the abductors, one of them has bare photos of Komal. pic.twitter.com/NpIGlWbczR
— Naila Inayat नायला इनायत (@nailainayat) May 10, 2020
ये घटना लाहौर के शिबली शहर की है। हालाँकि, इमरान ख़ान सरकार में शिरीन मज़ारी ने ईसाई लड़की के अपहरण वाली इस घटना का संज्ञान लिया है। उन्होंने दावा किया कि इस घटना पर उनकी नज़र है और जल्द ही सारे दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
मजारी ने बताया कि उन्होंने इस मामले की एफ़ाइआर कॉपी भी मँगाई है। उन्होंने इस घटना को डरावना और शर्मनाक करार दिया। स्थानीय इंस्पेक्टर का कहना है कि केस दर्ज हो गया है। डीआईजी ने बताया कि आरोपितों को गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी भी हुई है।
इससे पहले पाकिस्तान में 14 साल की एक लड़की को अगवा कर लिया गया था। फिर जबरन धर्म परिवर्तन करवा अपहरणकर्ता के साथ ही उसका निकाह करवा दिया गया। ये घटना पंजाब प्रांत के फैसलाबाद के मदीना टाउन की थी। कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान 12 अप्रैल 2020 को कराची में एक हिंदू परिवार के इस्लाम कबूल करने से इनकार कर देने पर उसके ऊपर हमला किया गया था।